Bhagwant Mann: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी कानून को लेकर काफी सख्त नजर आ रही है। इसी क्रम में पंजाब सरकार ने एक सेलेक्ट कमिटी का गठन किया था। ऐसे में गुरुवार को सेलेक्ट कमिटी की पहली बैठक आयोजित की गई। मान सरकार द्वारा बेअदबी कानून के संबंध में सेलेक्ट कमिटी ने कई मुद्दों पर गंभीर चर्चा की। इस कमिटी की अगुवाई विधायक डॉ. इंद्रबीर सिंह निज्जर ने की। समिति की अगली मीटिंग मंगलवार 29 जुलाई को रखी गई है।
Bhagwant Mann सरकार ने धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी को लेकर शुरू किया काम
पंजाब सीएम भगवंत मान ने 15 सदस्यीय सेलेक्ट कमिटी को धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी पर कानून बनाने के लिए रिपोर्ट तैयार करने को कहा था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सेलेक्ट कमिटी 6 महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट विधानसभा के स्पीकर को देगी। ऐसे में गुरुवार को सेलेक्ट कमिटी की पहली बैठक में चर्चा हुई कि बेअदबी कानून के संबंध में धार्मिक संस्थाओं, बुद्धिजीवियों और आम जनता की राय ली जाएगी। पंजाब की ‘AAP’ इकाई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स यानी ट्विटर पर पोस्ट कर बताया कि बेअदबी कानून के संबंध में विचार और सुझाव फोन और व्हाट्सएप के माध्यम से साझा किए जा सकते हैं।
भगवंत मान सरकार धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी पर देगी सख्त सजा
मालूम हो कि पंजाब में पिछले कुछ सालों के दौरान धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी के मामलों में इजाफा देखने को मिला है। यही वजह है कि पंजाब की जनता और कई धार्मिक संगठनों ने इस संबंध में कड़ा कानून लाने की वकालत की। साथ ही मुख्यमंत्री Bhagwant Mann से धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी पर कानून को मजबूत करने का अनुरोध किया। ऐसे में सेलेक्ट कमिटी प्रदेश के विभिन्न दल और धार्मिक संगठनों से मिलकर बेअदबी के मामले में सख्त कानून लाने के लिए कई सुझाव मांग रहे हैं।
उधर, सीएम भगवंत मान ने पंजाब में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी रोकने के लिए कड़ी सजा का कानून बनाया है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति पंजाब में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी करता है, तो उसे 10 साल की जेल और अपराधा दोहराने पर ताउम्र जेल की सजा का प्रावधान तैयार किया है।