Bhagwant Mann: पंजाब की आप सरकार जीरो टॉलरेंस नीति के तहत कार्रवाई कर रही है। अपराधी चाहें जो हों, सरकारी कार्रवाई में किसी के साथ भेदभाव नहीं हो सकता। इसी क्रम में वर्ष के अंतिम दिन आज अमृतसर में बड़ी कार्रवाई हुई है। भगवंत मान सरकार ने 52.40 करोड़ रुपए के टेंडर घोटाले मामले में बड़ा एक्शन लेते हुए जिम्मेदार अधिकारियों पर गाज गिराई है।
इसकी ज़द में एसएसपी विजिलेंस समेत कुल 7 अधिकारी आ गए हैं। पंजाब म्यूनिसिपल नियमावली 1970 के तहत भगवंत मान सरकार ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया है। इस मामले की शुरुआत सीगल इंडिया लिमिटेड की शिकायत से हुई थी जो मुख्य सचिव के पास पहुंची और फिर जीरो टॉलरेंस नीति के तहत अफसरों पर भी बड़ा एक्शन हुआ।
करोड़ों के टेंडर घोटाला मामला में बड़ा एक्शन
इसकी जानकारी आम आदमी पार्टी के आधिकारिक एक्स हैंडल से सामने आई है। मान सरकार ने 52.40 करोड़ रुपए के घोटाला से जुड़े एक मामले में जीरो टॉलरेंस के तहत कार्रवाई करते हुए 7 अधिकारियों को सस्पेंड किया है। इसमें संतभूषण सचदेवा, रमिंदरपाल सिंह, बिक्रम सिंह, सुखरिपन पाल सिंह, शुभम सिंह, मनप्रीत सिंह और मनदीप सिंह का नाम शामिल है। ये सभी अधिकारी इंजीनियरिंग विंग से जुड़े हैं।
पूरा मामला रणजीत एवेन्यू ब्लॉक-सी और 97 एकड़ स्कीम के विकास कार्य से जुड़ा है जिससे जुड़ी टेंडर प्रक्रिया में अनियमितता के आरोप लगे थे। इसकी शिकायत सीधे मुख्य सचिव को भेजी गई थी। फिर उपायुक्त (DC) ने मामले का संज्ञान लेते हुए चार सदस्यीय जांच समिति गठित की और फाइनल रिपोर्ट जारी कर 7 अफसरों को दोषी ठहराया। अंतत: आज वर्ष के आखिरी दिन सातों अफसरों पर कार्रवाई हुई है और सभी सस्पेंड हुए हैं।
भ्रष्टाचार के खिलाफ Bhagwant Mann सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति!
मान सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत कार्रवाई कर रही है। चाहें अफसर हों, या कोई भी शख्स, यदि भ्रष्टाचार में किसी की संलिप्तता पाई जाती है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई होकर रहेगी। अमृतसर में टेंडर घोटाला मामले में 7 अधिकारियों के खिलाफ हुई कार्रवाई भी उसी का हिस्सा है। सीएम भगवंत मान का साफ तौर पर कहना है कि पंजाब को नशा और अपराध मुक्त प्रदेश बनाना है। इस दिशा में यदि कोई बांधा बने या भ्रष्टाचार करे तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई कर नजीर पेश की जाए।






