Bhagwant Mann: सूबे में धार्मिक ग्रंथों या प्रतीक-चिन्हों की बेअदबी करने वालों से मान सरकार सख्ती से निपटेगी। इस क्रम में पवित्र धार्मिक ग्रंथ 2025 बिल में सभी अहम प्रावधानों को मेंशन किया गया है। भगवंत मान सरकार की ओर से पेश किया गया बिल विधानसभा से भले ही पास नहीं हो पाया हो, लेकिन इसे सिलेक्ट कमेटी के पास भेज दिया गया है। संभव है कि कुछ संशोधन के बाद बेअदबी से जुड़ा नया बिल Bhagwant Mann सरकार के पास पहुंचे और फिर इसे लागू किया जाया। अब तक दर्ज किए गए प्रावधानों की मानें तो धार्मिक ग्रंथ, स्थल या प्रतीक-चिन्हों की बेअदबी करने वालों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में दोषी पाए जाने पर उम्रकैद की सजा के साथ 10 लाख रुपए तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
बेअदबी करने वालों से सख्ती से निपटेगी Bhagwant Mann सरकार!
मान सरकार अपनी मंशा जाहिर कर चुकी है और स्पष्ट कर चुकी है कि बेअदबी करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। इसी क्रम में आज पंजाब विधानसभा में धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी से जुड़ा बिल पेश हुआ। हालांकि, बिल पास नहीं हो सका और इसे सिलेक्ट कमेटी के पास भेज दिया गया है। इस बिल पर जमकर बहस हुई है और लोगों की राय लेने के लिए इसे सिलेक्ट कमेटी के पास भेजा गया है। संभव है कि Bhagwant Mann सरकार की ओर से 6 महीने बाद फिर बिल पेश किया जाए। इस दौरान कुछ नए व संशोधित प्रावधान भी बिल में जोड़े जा सकते हैं। फिलहाल, भगवंत मान सरकार का एक सूत्रीय कार्यक्रम धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी से जुड़े मामले को रोकना है।
पवित्र धार्मिक ग्रंथ 2025 बिल से जुड़े सभी प्रावधान!
सूबे में बेअदबी से जुड़े मामलों को रोकने के लिए लाए जाने वाले नए बिल में कई प्रावधान हैं जिन्हें जानना जरूरी है।
1- धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी करने से जुड़े मामले में दोषी पाए जाने पर कम से कम 10 साल और अधिकतम उम्रकैद की सजा। साथ ही 5 से 10 लाख रुपए तक जुर्माना का प्रावधान।
2- बेअदबी की कोशिशि करने वालों को कम से कम 3 और अधिकतम 5 साल की सजा, इसके साथ ही 3 लाख का जुर्माना।
3- नए बिल के अंतर्गत आने वाले सभी अपराधों की श्रेणी गंभीर होगी और इसमें ना जमानत होगा और नाही समझौता।
4- बेअदबी से जुड़े मामलों का मुकदमा सेशन कोर्ट में चलेगा और इन मामलों की जांच DSP या उससे ऊपर के लेवल का अधिकारी करेगा।
ये प्रावधान Bhagwant Mann सरकार की प्राथमिकता को दर्शाते हैं कि कैसे सूबे में बेअदबी के मामलों को रोकने के लिए प्रयास का दौर जारी है।