Friday, December 13, 2024
Homeख़ास खबरेंPunjab News: मान सरकार की सार्थक पहल! CRM मशीन के इस्तेमाल से...

Punjab News: मान सरकार की सार्थक पहल! CRM मशीन के इस्तेमाल से पराली जलाने के मामलों में गिरावट; जानें कैसे हो रहा लाभ?

Date:

Related stories

Bhagwant Mann: पत्नी डॉ. गुरप्रीत कौर संग गुरुद्वारा विभोर साहिब पहुंचे मुख्यमंत्री, मत्था टेक कर की प्रार्थना; देखें तस्वीर

Bhagwant Mann: रूपनगर जिले में स्थित नंगल शहर में आज सुरक्षा व्यवस्था चौक-चौबंद थी। इसका वजह था मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) का नंगल दौरा। दरअसल, मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज नंगल दौरे के दौरान गुरुद्वारा विभोर साहिब में मत्था टेका है।

Punjab News: पंजाब में भगवंत मान (Bhagwant Mann) सरकार के सार्थक प्रयासों व खास पहल से पराली जलाने के मामलों में भारी गिरावट दर्ज की गई है। आम आदमी पार्टी (AAP) के आधिकारिक एक्स हैंडल द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक पिछले वर्ष की तुलना में इस बार पराली जलाने (Stubble Burning) के मामलों में 68 फीसदी तक की कमी आई है।

पंजाब सरकार (Punjab Govt.) का दावा है कि इस उपलब्धि के पीछे फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों (CRM) के इस्तेमाल का विशेष योगदान है। सीआरएम मशीनों की मदद से किसान फसलों के अवशेष को जलाने के बजाय प्राकृतिक तरीके से उसका प्रबंधन कर दे रहे हैं। यही वजह है कि पंजाब (Punjab News) में पराली जलाने से जुड़ी घटनाएं लगातार कम हुई हैं।

Punjab News- 21000 से अधिक CRM मशीनों को मिली मंजूरी

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने राज्य में किसानों के लिए 21958 फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों (CRM) की मंजूरी दे दी है। वर्ष 2024 की बात करें तो अभी 14587 किसान इन मशीनों को खरीदकर इनका इस्तेमाल कर रहे हैं। सीआरएम मशीनों का इस्तेमाल प्रमुख रूप से पराली का उचित प्रबंधन के लिए किया जाता है।

पंजाब में इस्तेमाल की जाने वाली कुल सीआरएम मशीनों की संख्या 2018 से अब तक 1.45 लाख हो गई है। पंजाब सरकार किसानों को सीआरएम मशीनों की खरीद पर 50 फीसदी से लेकर 80 फीसदी तक की सब्सिडी उपलब्ध करा रही है।

पंजाब के विभिन्न जिलों में सख्त हुए अधिकारी

राज्य में पराली जलाने के मामलों में गिरावट दर्ज किए जाने की वजह अधिकारियों की पैनी नजर भी है। मुक्तसर से लेकर मोगा, चंडीगढ़, जालंधर, लुधियाना, पटियाला, तरन-तारन, गुरुदासपुर समेत अन्य जिलों में ड्यूटी पर तैनात अधिकारी लगातार सख्ती के साथ मामले की छान-बीन कर रहे हैं। अधिकारियों द्वारा किसानों को जागरूक भी किया जा रहा है और उन्हें पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में बताया जा रहा है।

पराली जलाने के मामलों में गिरावट का लाभ क्या?

पराली जलाने के मामलों में 68 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई है। बता दें कि पराली जलने से लोगों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें आ सकती हैं। बच्चे-बुजुर्गों और मरीजों पर इसका बुरा असर पड़ सकता है। वहीं इससे खेत की उर्वरक क्षमता भी प्रभावित होती है। ऐसे में पराली जलने के मामले कम होने से इन तमाम दिक्कतों से बचकर एक सुखी और समृद्ध भरा जीवन व्यतीत किया जा सकता है।

Gaurav Dixit
Gaurav Dixithttp://www.dnpindiahindi.in
गौरव दीक्षित पत्रकारिता जगत के उभरते हुए चेहरा हैं। उन्होनें चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से अपनी पत्रकारिता की डिग्री प्राप्त की है। गौरव राजनीति, ऑटो और टेक संबंघी विषयों पर लिखने में रुची रखते हैं। गौरव पिछले दो वर्षों के दौरान कई प्रतिष्ठीत संस्थानों में कार्य कर चुके हैं और वर्तमान में DNP के साथ कार्यरत हैं।

Latest stories