Home ख़ास खबरें ‘पहले राणा सांगा को गद्दार…,’ अब गोशाला पर ‘दुर्गंध!’ कौन से देश...

‘पहले राणा सांगा को गद्दार…,’ अब गोशाला पर ‘दुर्गंध!’ कौन से देश में जी रहें हैं Akhilesh Yadav? VHP ने किया एक्सपोज

Akhilesh Yadav: उत्तर प्रदेश के अलावा देश के कई राज्यों में सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के गौशाला वाले बयान के खिलाफ विरोध के स्वर उठने लगे हैं। जिसके बाद यह कहा जाने लगा है कि किस देश में रहते हैं अखिलेश यादव? जब उन्हें पता है कि हिंदू धर्म में गाय के गोबर को पवित्र माना जाता है। इसका इस्तेमाल पूजा-पाठ, हवन और दूसरे धार्मिक अनुष्ठानों में होता रहा है। गौशाला का शाब्दिक अर्थ है "गायों का आश्रय"। जहां गायें रहती हैं। हिंदू धर्म में गाय को बहुत पवित्र माना जाता है और उसे मां का दर्जा दिया जाता है। ऐसे में उन्हें कुछ भी कहने से पहले सावधानी बरतनी चाहिए।

0
Akhilesh Yadav
Akhilesh Yadav

Akhilesh Yadav: उत्तर प्रदेश की राजनीति में यूं तो हर रोज बयानबाजी का दौर चलता रहता है, लेकिन सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के गौशाला वाले बयान ने प्रदेश की सियासत में बवाल मचा दिया है। इस समय प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी भाजपा से लेकर हिंदू संगठनों तक ने सपा मुखिया के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। ताजा घटनाक्रम में विश्व हिंदू परिषद ने समाजवादी पार्टी के मुखिया Akhilesh Yadav पर जुबानी हमला बोला है। VHP ने एसपी सुप्रीमो को लेकर कहा है कि जिनकी नाक मधुशाला की आदी है, उन्हें गौशाला की बदबू आएगी ही।

Akhilesh Yadav ने क्या कहा था?

दरअसल, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने बीते दिन कन्नौज में विवादित बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि बीजेपी वालों को दुर्गंध पसंद है, इसलिए वे गौशालाएं बनवा रहे हैं। हमें सुगंध पसंद थी, इसलिए हम इत्र पार्क बनवा रहे हैं। सरकार सांड पकड़ रही है या नहीं? यह तो सरकार ही जाने, लेकिन इसके लिए जो पैसा आ रहा है, वो भी ये खा जा रहे हैं। आपको बता दें कि सपा सुप्रीमो के इस बयान पर उत्तर प्रदेश की सियासत में बीजेपी, हिंदू संगठनों और समाजवादी पार्टी Akhilesh Yadav के बीच तीखी बहस चल रही है।

कौन से देश में जी रहें हैं Akhilesh Yadav?

राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, अखिलेश यादव का गौशाला वाला बयान सपा को आगामी चुनाव में नुकसान पहुंचा सकता है। क्योंकि हिंदू धर्म में गाय के गोबर को पवित्र माना जाता है। इसका इस्तेमाल पूजा-पाठ, हवन और दूसरे धार्मिक अनुष्ठानों में होता रहा है। गौशाला का शाब्दिक अर्थ है “गायों का आश्रय स्थल”। जहां गायें रहती हैं। हिंदू धर्म में गाय को बहुत पवित्र माना जाता है और उसे मां का दर्जा दिया जाता है। ऐसे में गौशाला वाला बयान अखिलेश यादव की राजनीति पर विपरीत असर डाल सकता है।

वीएचपी ने Akhilesh Yadav पर साधा निशाना

वहीं, उत्तर प्रदेश के अलावा देश के विभिन्न राज्यों में सपा सुप्रीमो Akhilesh Yadav के गौशाला वाले बयान पर विरोध के सुर उठने लगे हैं। VHP के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”जिन्हें गौ माता में से बदबू आती हो वे क्या यदुवंशी कहला सकते हैं? जिन्हें गौ शाला में से बदबू आती हो वे क्या गोपाल श्री कृष्ण के भक्त कहला सकते हैं? जिनकी नाक मधुशाला की आदी हो उनको गौशाला में से सुगंध कैसे आ सकती है! जो युद्ध वीर राणा सांगा को गद्दार बताते हों उन्हें माताओं में से दुर्गंध ही आयेगी ना!!”

वे आगे लिखते हैं कि, ”जो अपने बाप का नहीं, चाचा ताऊ का नहीं, गौ माता का कैसे हो सकता है!! नमाजवादी पार्टी के सरगना को गौमाता और हिंदू धर्म के इस अपमान पर अविलंब क्षमा याचना करनी चाहिए अन्यथा गौभक्त हिंदू समाज पार्टी को समय पर मजा चखायेगा। ध्यान रहे कि गौ माता या भक्तों पर जिसने भी प्रहार किया वह उसके कोप से बचा नहीं।”

ये भी पढ़ें: CBSE Dummy School: IIT-JEE/NEET परीक्षा की तैयारी के लिए दूसरे राज्यों में जाने से पहले पढ़ लें ये खबर, वरना बोर्ड का नया नियम आपके सपनों पर फेर सकता है पानी

Exit mobile version