Satyapal Malik: जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का निधन हो गया है। किसानों की आवाज बुलंद करने वाले समाजवादी नेता के निधन के बाद सन्नाटा पसरा है। कई दिग्गज नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है। दरअसल, सत्यपाल मलिक लंबे समय से बीमार थे। उन्हें इलाके के लिए दिल्ली में स्थित राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अंतत: आज 5 अगस्त को लंबी बीमारी से जंग लड़ते हुए दोपहर 1:20 पर Satyapal Malik ने अंतिम सांस ली है। 23 अगस्त 2018 से 30 अक्टूबर 2019 तक जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक के निधन की खबर सामने आते ही लालू यादव, अखिलेश यादव, जयंत चौधरी समेत तमाम दिग्गज नेताओं ने शोक जताया है।
J&K के पूर्व गवर्नर Satyapal Malik के निधन से पसरा सन्नाटा!
लंबे वक्त से बीमारी से जूझ रहे सत्यपाल मलिक अब दुनिया में नही रहे। 5 अगस्त यानी आज दोपहर 1:20 बजे ही उन्होंने राम मनोहर लोहिया अस्पताल में अंतिम सांस ली है। सत्यपाल मलिक लंबे समय से किडनी की बीमारी से जूझ रहे थे और RML में भर्ती थी। उनके आधिकारिक एक्स हैंडल से उनके निधन की पुष्टि की गई है। Satyapal Malik के निधन की खबर सामने आने के साथ ही सियासी गलियारों में शोक की लहर दौड़ पड़ी है। तमाम समाजवादी विचारधार से जुड़े नेता उन्हें श्रद्धा-सुमन अर्पित कर रहे हैं। सत्तारुढ़ NDA के तमाम दिग्गज भी सत्यपाल मलिक के निधन की खबर सामने आते ही शोक व्यक्त कर रहे हैं।
ऐतिहासिक रहा सत्यपाल मलिक का राज्यपाल कार्यकाल
यूं तो सत्यपाल मलिक गोवा, मेघायल, बिहार और ओडिशा के राज्यपाल भी रहे हैं, लेकिन चर्चा उनके जम्मू-कश्मीर में बतौर राज्यपाल वाले कार्यकाल की होती है। दरअसल, केन्द्र सरकार ने Satyapal Malik के कार्यकाल में ही 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल-370 हटाया था। 24 जुलाई, 1946 को यूपी के बागपत में स्थित हिसवाड़ा गांव में जन्मे सत्यपाल मलिक 1974 से राजनीति में सक्रिय थे और पहली बार विधानसभा चुनाव जीते थे। इसके बाद 1980 से 1989 तक राज्यसभा सांसद, 1989-1991 तक लोकसभा सांसद रहे। जनता दल के बाद Satyapal Malik 2004 में बीजेपी से जुड़ गए। उनका अंतिम कार्यकाल बतौर राज्यपाल संपन्न हुआ जब उन्होंने अगस्त 2020 से अक्टूबर 2022 तक मेघालय में अपनी सेवा दी।
इसके बाद सत्यपाल मलिक लगातार किसानों के हक की आवाज उठाते रहे। उन्होंने J&K में अपने राज्यपाल कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार के मामले को भी उजागर किया जिसके चलते मोदी सरकार की खूब किरकिरी हुई। हालांकि, अब उनके निधन के बाद शोक की लहर दौड़ पड़ी है और तमाम दिग्गज शोक व्यक्त कर रहे हैं।