Tamil Nadu News: समुद्र तट पर स्थित तमिलनाडु में सियासी गर्माहट ने हल्की ठंड को भी बेअसर कर दिया है। खबरों की मानें तो वर्ष 2025 तमिलनाडु में महिलाओं के लिए खराब रहा है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के ताजा आंकड़ों के मुताबिक तमिलनाडु में वर्ष 2025 के पहले 11 महीनों में औसतन 52 महिलाएं हर दिन घरेलू हिंसा या यौन उत्पीड़न का शिकार बन रही हैं।
आलम ये है कि एआईएडीएमके, टीवीके और बीजेपी जैसी विपक्षी पार्टियां सत्तारुढ़ डीएमके को सवालों के घेरे में खड़ा कर रही हैं। इस कड़ी में कोयंबटूर के एक हॉस्टल में हुआ हत्याकांड फिर कई सवालों को जन्म दे रहा है। पूछा जा रहा है कि क्या महिलाओं के साथ बढ़ रहा अपराध विधानसभा चुनाव 2026 में मुद्दा बन सकता है? क्या ये तमिलनाडु के चुनावी समीकरण को प्रभावित कर सकता है? इन सवालों का जवाब ढूंढ़ने के साथ हम आपको हॉस्टल कांड के बारे में विस्तार से बताएंगे।
हॉस्टल कांड के बाद तमिलनाडु में महिलाओं के साथ बढ़ रहे अपराध पर सवाल
कोयंबटूर से एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने सभी को झकझोंर कर रख दिया है। खबरों के मुताबिक आरोपी बालमुरुगन को अपनी पत्नी श्रीप्रिया के अवैध संबंध होने का शक था। शादी के बाद से ही दोनों के बीच अनबन होती रहती थी। औचक रविवार को सुबह आरोपी बालमुरुगन अपनी पत्नी से मिलने कोयंबटूर स्थित उस हॉस्टल में पहुंच गया जहां वो रहती थी। देखते ही देखते बात बिगड़ गई और आरोपी ने श्रीप्रिया को दरांची से काटकर मौत के घाट उतार दिया।
इतना ही नहीं, दरिंदे हत्यारे ने शव के साथ सेल्फी लेकर व्हाटसएप स्टेटस भी लगाया जो कानून की खिल्ली उड़ाने का पूरा संकेत है। इस हॉस्टल कांड के बाद तमिलनाडु में महिलाओं की हालिया स्थिति पर सवाल उठ रहे हैं। इससे पहले जनवरी 2025 से नवंबर तक औसतन हर दिन 52 महिलाएं तमिलनाडु में घरेलू हिंसा या यौन उत्पीड़न की भेंट चढ़ी हैं। यही वजह है कि हॉस्टल कांड के बाद फिर एक बार डीएमके सरकार सवालों के घेरे में है।
क्या 2026 विधानसभा चुनाव पर भी पड़ सकता है असर?
इस सवाल का असल जवाब भविष्य के गर्भ में है। लेकिन ये लगभग तय है कि एआईएडीएमके, टीवीके और बीजेपी समेत अन्य क्षेत्रीय विपक्षी पार्टियां तमिलनाडु में महिला सुरक्षा का मुद्दा उठाएंगी। विपक्ष एनसीआरबी के आंकड़ों के साथ तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों में जाकर डीएमके सरकार के खिलाफ माहौल बनाने की कोशिश कर सकता है। अब इस कोशिश का कितना असर विधानसभा चुनाव 2026 पर पड़ेगा, ये तो परिणाम की घोषणा के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा। तब तक सबकी नजरें तमिलनाडु की सियासी सरगर्मियों पर टिकी हैं।
