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‘144 साल बाद महाकुंभ का जिक्र ग्रंथो में..,’ Shivpal Singh Yadav के बयान पर घिरे Akhilesh, सपा ने पक्ष रखने में क्यों किया विलंब?

पूर्व मंत्री Shivpal Singh Yadav ने महाकुंभ मेला के 144 साल बाद आयोजित होने वाले दावे को भ्रामक बताया है। शिवपाल सिंह यादव के इस बयान के बाद अखिलेश यादव भी सवालों के घेरे में हैं। सवाल उठ रहे हैं कि सपा ने अपना पक्ष रखने में इतना विलंब क्यों किया।

Shivpal Singh Yadav
Picture Credit: सोशल मीडिया (शिवपाल सिंह यादव & अखिलेश यादव- सांकेतिक)

Shivpal Singh Yadav: महाकुंभ का महाआयोजन अब महा-सवालों के घेरे में है। सपा नेता शिवपाल सिंह यादव ने 144 साल बाद महाकुंभ आयोजन वाले दावे को सिरे से खारिज करते हुए बड़ी बात कह दी है। शिवपाल सिंह यादव का कहना है कि “144 साल बाद महाकुंभ का ज़िक्र ग्रंथो में नहीं है।” पूर्व मंत्री Shivpal Singh Yadav द्वारा दिए बयान के बाद अखिलेश यादव की मुश्किलें भी बढ़ती नजर आ रही हैं। सवाल उठ रहे हैं कि सपा ने इस मुद्दे पर स्टैंड क्लियर करने में इतना विलंब क्यों किया? अब महाकुंभ आयोजन के समापन में महज 8 दिन और बचे हैं। ऐसे में 50 दिन के इस महा आयोजन में सपा ने अल्प समय की अवधि में 144 वर्ष वाले दावे पर प्रश्न-चिन्ह खड़ा किया है।

महाकुंभ आयोजन को लेकर Shivpal Singh Yadav का बड़ा बयान

पूर्व मंत्री व सपा के कद्दावर नेता शिवपाल सिंह यादव ने आज महाकुंभ आयोजन को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि “144 साल बाद महाकुंभ का जिक्र ग्रंथों में कहीं नहीं है। सरकार की ओर से प्रचार-प्रसार के लिए ऐसा शिगूफा छोड़ा गया है।” Shivpal Singh Yadav के बयान के बाद अखिलेश यादव भी सवालों के घेरे में आ रहे हैं। अखिलेश यादव ने भी बीते कल 144 वर्ष वाले दावे को गुमराह करने वाला बताया था। इसके बाद सवाल उठ रहे हैं कि सपा ने अपना पक्ष रखने में इतनी विलंब क्यों कर दी? अब जब महाकुंभ आयोजन के समापन का दिन उंगलियों पर गिना जा रहा है तो सपा नेतृत्व के दावे कई नए सवालों को जन्म दे रहे हैं।

Maha Kumbh मेला के 144 वर्ष बाद आयोजन होने वाले दावे की सच्चाई क्या?

हनुमंत पीठ, अयोध्या के पीठाधीश्वर आचार्य मिथिलेश नंदिनी शरण ने इस पर सवाल उठाए हैं। एक निजी चैनल को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि “जो काम आपके पूर्वज नहीं कर सके, जो आपकी आने वाली पीढ़ियाँ नहीं कर पाएंगी, वो करना धर्म नहीं। 144 साल में एक बार महाकुंभ, ये सिर्फ प्रचार है, हर 12 साल पर कुंभ होता है।” आचार्य मिथिलेश नंदिनी शरण के कहने के बाद कई लोग उनके बयान कोडिकोड करते हुए उसका प्रसार कर रहे हैं। वहीं साधु-संतों का एक ऐसा तबका भी है जो महाकुंभ 2025 आयोजन को 144 वर्ष बाद का शुभ संयोग बता रहा है। ऐसे में इसको लेकर अभी किसी निष्कर्ष तक पहुंचना मुश्किल लग रहा है।

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