Sambhal Violence: संभल के विभिन्न गली-मुहल्लों में घरों पर ताले लटके मिल सकते हैं। कई ऐसी रिपोर्ट्स भी सामने आईं जिनमें पलायन का दावा किया गया है। संभल वायलेंस के बाद क्या स्थिति इतनी बिगड़ी है? पुलिस महकमा संभल में स्थिति नियंत्रण के लिए क्या कर रहा है? क्या पलायन पुलिस कार्रवाई के बीच रोड़ा बन रहा है? इन तमाम सवालों के जवाब संभल पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई ने तत्परता से दिए हैं। तो आइए हम आपको Sambhal Violence के बाद पलायन को लेकर छोड़े गए शिगूफे और उस पर प्रशासन के स्टैंड के बारे में विस्तार से बताते हैं।
Sambhal Violence के बाद क्या पुलिस कार्रवाई के बीच रोड़ा बन रहा पलायन?
पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई ने संभल में पलायन को लेकर छिड़ी चर्चा के बीच अपना पक्ष रखा है। उन्होंने ऐसे सभी दावों को सिरे से खारिज किया है जिसमें संभल वायलेंस के बाद नगर से हजारों लोगों के पलायन की बात कही जा रही है। संभल पुलिस अधीक्षक का कहना है कि “जो लोग घरों से गायब हैं, वे संभवतः Sambhal Violence में शामिल थे। हिंसा के दिन दो से पांच हजार लोगों की भीड़ जुटी थी, लेकिन अब तक 79 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस वीडियो और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर पुख्ता सबूत मिलने पर ही गिरफ्तारी कर रही है।”
संभल एसपी ने ये भी स्पष्ट किया है कि “बगैर किसी ठोस प्रमाण के किसी निर्दोष को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। हिंसा में शामिल लोग अपने घरों में ताले लगाकर फरार हैं, लेकिन पुलिस जल्द ही उन्हें गिरफ्तार करेगी। शहर का जीवन सामान्य है और पलायन की कोई पुष्टि नहीं हुई है। जिनके पोस्टर और फोटो लगाए गए हैं, वे सभी अपने घरों से गायब हैं।” ऐसे में पुलिस अधीक्षक के बयान से स्पष्ट है कि पलायन करने वालों में आरोपी शामिल हैं और इसी कारण से गिरफ्तारी की रफ्तार कम हुई है।
संभल वायलेंस में शामिल आरोपियों से सख्ती से निपट रही पुलिस?
संभल हिंसा को लेकर पुलिस बेहद सजग अवस्था में है। लगातार सीसीटीवी फुटेज और तस्वीरों को खंगाल कर आरोपियों की पहचान की जा रही है। स्थानीय पुलिस का कहना है कि संभल वायलेंस में शामिल आरोपियों को किसी भी हाल में बख्शा नही जाएगा। उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी, ताकि नजीर बने और Sambhal Violence जैसी स्थिति दुबारा कभी न हो सके।