Brij Bhushan Singh: मौका था दिवंगत नेता शरद त्रिपाठी की पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा का और मंच पर थे पूर्व सांसद बृजभूषण सिंह। इसी दौरान कुछ ऐसा हुआ कि उसकी कल्पना शायद लोगों ने कही की होगी। दरअसल, संतकबीर नगर से सांसद रहे स्वर्गीय शरद त्रिपाठी को श्रद्धा-सुमन अर्पित करने के बाद Brij Bhushan Singh ने कुछ ऐसा कह दिया है जिसे सुन शायद सीएम योगी झटका खा जाएं। दरअसल, बृजभूषण शरण सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को एक धार्मिक व्यक्ति बता दिया जो CM Yogi के दावों से ठीक उलट है। सीएम योगी कई दफा कारसेवकों पर गोली चलाने से लेकर अन्य कई प्रकरणों का जिक्र कर पूर्व की सपा सरकार और अखिलेश यादव को धर्म विरोधी बता चुके हैं। ऐसी स्थिति में बृजभूषण सिंह का Akhilesh Yadav को धार्मिक बताने के पीछे कई मायने बताए जा रहे हैं।
पूर्व सीएम अखिलेश यादव को लेकर क्या बोले वरिष्ठ नेता Brij Bhushan Singh?
दिग्गज नेता रहे शरद त्रिपाठी की चतुर्थ पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान बृजभूषण सिंह ने अहम बातें कह दी हैं। पूर्व सांसद ने कहा कि “अखिलेश यादव श्री कृष्ण के वंशज हैं तो वह धर्म का विरोध कैसे कर सकते हैं। वह जो करते हैं मजबूरी में करते हैं। समझिए इस बात को। वे धर्म के विरोधी नहीं हैं। मजबूरी उनसे करवा रही है। आजकल ऐसा समय आ गया है कि लोग सनातन धर्म और मनुस्मृति की आलोचना कर रहे हैं। जिन्होंने कभी मनुस्मृति को दूर से भी नहीं देखा, जिन्होंने कभी ये पुस्तक नहीं पढ़ी, वे भी इसकी आलोचना कर रहे हैं।” Brij Bhushan Singh की ये बातें अखिलेश यादव के पक्ष को मजबूत भी कर रही हैं और आलोचनात्मक दायरे में उन्हें कटघरे में भी खड़ी कर रही हैं।
पूर्व BJP सांसद बृजभूषण शरण सिंह की बातों को CM Yogi के लिए करारा झटका बताया जा रहा है। दरअसल, सीएम योगी कई मौकों पर सपा मुखिया को धर्म विरोधी बता चुके हैं। उन पर हिंदुत्व की भावनाओं को आहत करने के आरोप भी लगे हैं। ऐसे में योगी आदित्यनाथ की ही पार्टी का एक नेता अखिलेश यादव को धार्मिक बताए, तो भला लोगों के बीच क्या संदेश जाएगा। हालांकि, Brij Bhushan Singh की पूरी बात सुनने के बाद शायद ये पूरी तरह से स्पष्ट हो जाए कि वे सपा मुखिया का बचाव नहीं, बल्कि उन पर तंज कस रहे हैं।
बृजभूषण सिंह की आलोचनात्मक टिप्पणी के मायने क्या?
कभी ऐसा समय भी था जब बृजभूषण शरण सिंह सपा शीर्ष नेतृत्व के करीबी थी। मुलायम सिंह यादव, अमर सिंह समेत अन्य कुछ वरिष्ठ समाजवादी नेताओं के साथ बृजभूषण सिंह के अच्छे संबंध थे। इसका जिक्र उन्होंने एक पॉडकास्ट में भी किया था और बताया था कि कैसे मुलायम सिंह की दखल के बाद उनके फंसे हुए काम चुटकियों में हो गए थे। ऐसी स्थिति में Brij Bhushan Singh का अखिलेश यादव को धार्मिक बताना कई संभावनाओं की ओर इशारा करता है। वो भी तब जब विधानसभा चुनाव के लिए सरगर्मियां तेज हो रही हैं और प्रदेश स्तर के तमाम नेता सपा मुखिया को धर्म विरोधी साबित करने पर तुले हैं। हालांकि, बृजभूषण सिंह का ये बयान निजी है और इसे राजनीतिक संदर्भ से जोड़कर देखना थोड़ी जल्दबाजी होगी।