Chambal Expressway: उत्तर प्रदेश के लोगों को एक और शानदार एक्सप्रेसवे की सौगात मिल सकती है। चंबल एक्सप्रेसवे यूपी के इटावा से शुरू होकर राजस्थान के कोटा शहर तक जाने की संभावना जताई जा रही है। इस एक्सप्रेसवे के जरिए राजस्थान, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बीच सड़क कनेक्टिविटी मौजूदा समय से काफी बेहतर होने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि इस एक्सप्रेसवे के बनने के बाद राजस्थान और यूपी के बीच आवाजाही काफी सुगम हो जाएगी। साथ ही कई मीडिया खबरों में दावा किया गया है कि इस एक्सप्रेसवे को Delhi Mumbai Expressway के साथ भी जोड़ा जा सकता है। दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे के साथ लिंक किए जाने को लेकर कई तरह की खबरें चल रही हैं।
Chambal Expressway से कनेक्ट होंगे ये जिले
जानकारी के लिए बता दें कि चंबल एक्सप्रेसवे को अटल प्रोग्रेसवे के तौर पर भी जाना जाता है। इस एक्सप्रेसवे की कुल लंबाई 423 किलोमीटर बताई जा रही है। यह एक्सप्रेसवे राजस्थान में लगभग 72 किलोमीटर लंबा होगा। मध्य प्रदेश में 314 किलोमीटर लंबा हिस्सा होने की संभावना है। वहीं यूपी में 23 किलोमीटर का हिस्सा आएगा। चंबल एक्सप्रेसवे के जरिए राजस्थान के कोटा और यूपी के इटावा के बीच लगने वाला समय 12 घंटे की बजाय 5 से 6 घंटे रह जाएगा।
ऐसे में आधा टाइम रहने के साथ ही इन शहरों को कई तरह के फायदे होने की आशंका जताई जा रही है। इतना ही नहीं, यह भी बताया जा रहा है कि इसे दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे के साथ कनेक्ट किया जाएगा। अभी तक Delhi Mumbai Expressway के साथ जोड़ने की सिर्फ चर्चाएं हैं। चंबल एक्सप्रेसवे कोटा, श्योपुर, भिंड, मुरैना और इटावा को आपस में कनेक्ट करेगा।
Chambal Expressway से पर्यटन को मिल सकती है रफ्तार
कई हालिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि चंबल एक्सप्रेसवे के जरिए आसपास के क्षेत्रों में तेजी से विकास देखने को मिल सकता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह एक्सप्रेसवे रणथंभौर टाइगर रिजर्व, कुनो नेशनल पार्क चंबल बर्ड सेंचुरी के करीब से गुजरेगा। इस एक्सप्रेसवे के माध्यम से इन क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा मिल सकता है। इन एरिया में पर्यटन में इजाफा होने से राज्य सरकारों को भी अच्छा राजस्व प्राप्त हो सकता है। साथ ही आसपास के टूरिस्ट गाइड को रोजगार के नए मौके मिलने की संभावना है।
चंबल एक्सप्रेसवे पर क्या है ताजा अपडेट
लेटेस्ट रिपोर्ट्स की मानें, तो Chambal Expressway के निर्माण को लेकर एनजीटी यानी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने रोक लगा दी है। ऐसे में माना जा रहा है कि अब इसके मार्ग में थोड़ा बदलाव हो सकता है। दावा किया जा रहा है कि यह एक्सप्रेसवे पर 8 की बजाय 10 नदियों से होकर गुजरेगा। ऐसे में एक्सप्रेसवे के लिए जरूरी भूमि का अधिग्रहण करने में समय लग सकता है। इस वजह से एक्सप्रेसवे के शुरू होने में देरी होने की संभावना है। बताया जा रहा है कि यह एक्सप्रेसवे 2027 के मिड तक बनकर तैयार हो सकता है। वहीं, इसे दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे के साथ कनेक्ट किया जाएगा या नहीं, फिलहाल इस संबंध में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।