CM Yogi Adityanath: यूपीपीएसी के स्थापना दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री लखनऊ के पीएसी ग्राउंड पहुंचे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने परेड का विधिवत निरीक्षण कर अनुशासन एवं दक्षता का मूल्यांकन किया। उत्कृष्ट सेवाओं के लिए चयनित पी.ए.सी. जवानों को सम्मानित किया तथा पी.ए.सी. द्वारा आयोजित आधुनिक संसाधनों एवं क्षमताओं को प्रदर्शित करने वाली प्रदर्शनी का अवलोकन किया। साथ ही उन्होंने वहां पर बैठे लोगों को संबोधित किया। साथ ही युवाओं को खास संदेश दिया और बताया कि कैसे उत्तर प्रदेश हर क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है।
यूपीपीएसी स्थापना दिवस पर क्या बोले CM Yogi Adityanath?
वहां पर मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि “आज मैं इस बात को कह सकता हूं कि उत्तर प्रदेश के अंदर जो आत्मविश्वास है, इस आत्मविश्वास के पीछे के प्रमुख कारणों में है कि प्रदेश में कानून का राज है। कानून का राज, सुरक्षा के बेहतर माहौल में ही हम सुशासन की गारंटी दे सकते हैं। सुशासन में ही निवेश सुरक्षित हो सकता है और सुरक्षित निवेश ही हमारे युवाओं की आकांक्षाओं की पूर्ति का माध्यम बन सकता है।
आज पी.ए.सी. बल में सर्वाधिक संख्या में नौजवान कार्यरत हैं। हमारी सरकार द्वारा पी.ए.सी. में 41,893 आरक्षियों एवं 698 प्लाटून कमांडरों की भर्ती की गई है। सीधी भर्ती के अंतर्गत प्लाटून कमांडरों के पद पर 1,648 तथा आरक्षी के पद पर 15,131 अभ्यर्थियों की भर्ती प्रक्रिया वर्तमान में प्रचलित है। इसमें 135 प्लाटून कमांडरों की भर्ती हेतु विज्ञापन जारी किया जा चुका है और शीघ्र ही यह भर्ती प्रक्रिया पूर्ण होकर उत्तर प्रदेश पुलिस बल की क्षमता में वृद्धि करेगी”।
शौर्य, त्याग और समर्पण का गौरवशाली इतिहास है – CM Yogi Adityanath
उत्तर प्रदेश के सीएम ने आगे कहा कि “मुझे प्रसन्नता है कि हमारी सरकार ने पी.ए.सी. की 46 कंपनियों को पुनर्जीवित करते हुए, उनके माध्यम से उत्तर प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था बनाए रखने तथा आंतरिक सुरक्षा के जरिए प्रदेश की एक बेहतर छवि देश के सामने प्रस्तुत करने में अत्यंत सफलता प्राप्त की है। पी.ए.सी. की संख्या, उनकी क्षमता, उनका प्रशिक्षण तथा तकनीकी स्तर पर उन्हें सशक्त बनाने का कार्य निरंतर जारी है।
मैं सबसे पहले पीएसी बल को 78 वर्षों के गौरवशाली इतिहास के लिए आज उनके स्थापना दिवस पर हृदय से बधाई देता हूं। यह कालखंड पीएसी बल के अनुशासन, शौर्य, त्याग और समर्पण का गौरवशाली इतिहास है”।






