Maha Kumbh Stampede: संगम नगरी का मंजर बदल गया है। बीते दिन आस्था के जनसैलाब का स्वागत करने प्रयागराज शहर उमड़ पड़ा। विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ स्थानीय लोगों ने श्रद्धालुओं की सुविधा का खूब ख्याल रखा। हालांकि, महाकुंभ स्टैम्पेड को लेकर लोगों के भीतर एक अजीब भाव बना हुआ है। ऐसे में योगी सरकार की ओर से मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और डीजीपी प्रशांत कुमार आज प्रयागराज पहुंचकर घायलों से मुलाकात करेंगे। इस दौरान पूरे घटनाक्रम की समीक्षा की जाएगी। Maha Kumbh Stampede के बाद मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया गया है। वीवीआईपी पास भी रद्द कर दिए गए हैं, ताकि प्रशासन पूरी तरह से श्रद्धालुओं की सुविधा का ख्याल रखे। ऐसे में आइए हम आपको बताएंगे कि महाकुंभ स्टैम्पेड के बाद प्रयागराज में स्थिति कितनी बदली है।
Maha Kumbh Stampede के बाद प्रयागराज में कितनी बदली स्थिति?
सड़कों पर लगे रेहड़ी-पटरी को खाली इलाकों में स्थानांतरित करने के आदेश दिए गए हैं, ताकि यातायात न प्रभावित हो। अयोध्या-प्रयागराज, लखनऊ-प्रतापगढ़-प्रयागराज, फतेहपुर-प्रयागराज और वाराणसी-प्रयागराज जैसे रास्तों पर यातायात संचालित करने के निर्देश दिए गए हैं। प्रयागराज में मौनी अमावस्या पर मची भगदड़ के बाद स्थिति अब सामान्य है। 29 जनवरी के मुकाबले आज भीड़ भी कम नजर आ रही है। इसी कड़ी में महाकुंभ स्टैम्पेड के बाद प्रशासन की चौंकसी भी बढ़ गई है। योगी सरकार ने वक्त की नजाकत को देखते हुए वीवीआईपी पास को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए हैं। वहीं महाकुंभ मेला परिसर की ओर से जाने वाली सड़कों को वन-वे घोषित कर दिया गया है। मेला क्षेत्र में वाहनों की भी नो एंट्री है। Maha Kumbh Stampede के बाद स्थानीय पुलिस लगातार मेला परिसर की निगरानी में जुटी है। प्रयागराज पहुंचे सभी श्रद्धालुओं की सुविधा का पूरा ख्याल रखा जा रहा है।
संगम नगरी में ‘योगी सरकार’ की समीक्षा बैठक!
योगी सरकार ने दो प्रमुख आला अधिकारी मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह, डीजीपी प्रशांत कुमार को प्रयागराज भेजने का निर्णय लिया है। ये दोनों आला अधिकारी आज Maha Kumbh Stampede में घायल हुए भक्तों से मिलेंगे। इसके बाद पूरे घटनाक्रम की समीक्षा कर शासन को रिपोर्ट दी जाएगी। बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं ही महाकुंभ स्टैम्पेड से जुड़ी हर पहलुओं की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। इसी कड़ी में एक तीन सदस्यीय जांच आयोग भी गठित किया गया है, जो एक महीने में महाकुंभ स्टैम्पेड पर अपनी रिपोर्ट शासन को सौंपेगी।