Sambhal Excavation: शासन के निर्देश पर संभल में प्रशासनिक देख-रेख में खुदाई का काम जारी है। संभल में खुदाई (Sambhal Excavation) के दौरान एक के बाद एक चौंकाने वाले प्राचीन स्थल मिल रहे हैं। बीते दिनों प्राचीन बावड़ी और कुंआ मिलने को लेकर सनसनी मची थी, तो आज ‘मृत्यु कूप’ का मिलना चर्चा का विषय बना है। संभल (Sambhal) के शाही जामा मस्जिद (Shahi Jama Masjid) से करीब 200 मीटर दूर ‘मृत्यु कूप’ मिलने के बाद इलाके में सनसनी मची है। स्थानीय लोग प्राचीन स्थलों के मिलने पर हैरान हैं और कई तरह की चौंकाने वाली बातें कह रहे हैं। ऐसे ही एक स्थानीय शख्स का कहना है कि “हम नहीं समझ पा रहे हैं कि हिंदू मुहल्ले के अंदर डिस्प्यूटिव जगह कैसे पैदा हो गई। हमारे धार्मिक स्थल पर वक्फ बोर्ड कहां से पैदा हो गया।”
Sambhal Excavation मृत्यु कूप मिलने के बाद स्थानीय लोगों का चौंकाने वाला दावा
संभल (Sambhal) में खुदाई के दौरान शाही जामा मस्जिद (Shahi Jama Masjid) से करीब 200 मीटर दूर कमालपुर सराय क्षेत्र में ‘मृत्यु कूप’ मिलने के बाद लोग अपना पक्ष रख रहे हैं।
ऐसे ही एक शख्स का कहना है कि “ये प्रत्यक्ष प्रमाण है। हम यहां पहले आते थे, लोगों को यहां नहाते हुए देखा है। कुछ परिस्थितियों में उदासीनता के कारण इसको बंद कर दिया गया। अब प्रशासन और योगी सरकार द्वारा इसका जीर्णोधार कर रही है। ये पीछे जो जगह दिख रही है इसे भी एक धार्मिक स्थल के रूप में बताया जाता है। हमारे बड़े-बुजुर्ग कहते हैं कि ये एक धार्मिक स्थल था। पिछले दिनों की बात है यहां एक नल लगवा दिया गया था। मगर कुछ परिस्थितियों में नल को भी अगले दिन उखड़वा दिया गया। हम ये नहीं समझ पा रहे हैं कि हिंदू मुहल्ले के अंदर डिस्प्यूटिव जगह कैसे पैदा हो गई। हमारे धार्मिक स्थल पर वक्फ बोर्ड कहां से पैदा हो गया। वो हमारा धार्मिक स्थल है और धार्मिक स्थल का जिर्णोधार होना चाहिए।”
‘मृत्यु कूप’ से कैसे जुड़ी स्थानीय लोगों की आस्था?
स्थानीय लोग (संभल) मृत्यु कूप मिलने के बाद कई तरह के दावे कर रहे हैं। समाचार एजेंसी आईएएनएस की एक रिपोर्ट में एक स्थानीय शख्स कहते हैं कि “इस कूप को 1978 के दंगों के बाद बंद कर दिया गया था। कुएं के अंदर हथियार हो सकते हैं। हमारे लोग इसकी पूजा करते रहे हैं। हमारी मांग है कि कुएं की खुदाई की जाए ताकि उसमें मौजूद सामग्री को उजागर किया जा सके।”