Dhirendra Krishna Shastri: ‘गंगा तट पर जो मरे हैं, उनकी मौत नही हुई है। हां ये है कि वे असमय चले गए तो दुख है, लेकिन उनकी मौत नही, बल्कि उन्हें मोक्ष मिला है।’ ऐसा कहना है कि बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का। धीरेन्द्र शास्त्री महाकुंभ में हुई भगदड़ के बाद ऐसा बोलकर चौतरफा घिर गए हैं। सोशल मीडिया पर उनके इस बयान से जुड़ा वीडियो तेजी से वायरल है। वीडियो में Dhirendra Krishna Shastri को प्रयागराज में हुई घटना पर अपना पक्ष रखते देखा जा सकता है। उनके इस कथन के बाद यूजर्स जमकर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। पूनम नामक एक्स हैंडल यूजर लिखती हैं कि “तब तो बाबा को बिना सिक्योरिटी के आना चाहिए था प्रयागराज।” इसके अलावा भी कई ऐसे यूजर्स ने महाकुंभ भगदड़ को लेकर आचार्य धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री द्वारा की गई टिप्पणी से खफा नजर आ रहे हैं।
महाकुंभ भगदड़ पर टिप्पणी कर घिरे Dhirendra Krishna Shastri
नरेन्द्र नाथ मिश्र नामक एक्स हैंडल यूजर ने बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर की टिप्पणी से जुड़े एक अंश का वीडियो जारी किया है। वीडियो में धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री को महाकुंभ भगदड़ पर अपना पक्ष रखते देखा जा सकता है। उनका कहना है कि “Maha Kumbh में हुई घटना दुखद है। देश में बहुत सारे लोग मर रहे हैं। कोई स्वास्थ्य अव्यवस्था की भेंट चढ़ रहा है तो कोई हर्ट अटैक से मर रहा है। प्रयागराज में जो घटना हुई वो निंदनीय और बहुत विचित्र है। मृत्यु सबकी आनी है। लेकिन प्रयागराज में गंगा तट पर जो मरेगा वो मरेगा नहीं, मोक्ष पाएगा। यहां लोग मरे नही हैं, हां ये है कि असमय चले गए तो दुख है। लेकिन उनकी मौत नही हुई है, उन्हें मोक्ष मिला है।” Dhirendra Krishna Shastri के इस बयान के बाद सोशल मीडिया पर यूजर्स की जमकर प्रतिक्रिया आ रही है।
धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री की टिप्पणी सुन आग बूबला हुए यूजर्स

कभी हिंदू धर्म की छवि बिगाड़ने की साजिश, तो कभी महाकुंभ भगदड़ के पीछे सुनियोजित साजिश की बात करने वाले धीरेन्द्र शास्त्री पर यूजर्स का गुस्सा फूट पड़ा है। मौत और मोक्ष को लेकर की गई टिप्पणी के बाद उनकी आलोचना हो रही है। पूनम नामक यूजर लिखती हैं कि “तब तो बाबा को बिना सिक्योरिटी के आना चाहिए था प्रयागराज।” वॉइस आफ टीचर एक्स हैंडल से लिखा गया है कि “ऐसी बातें तो शिक्षित व्यक्ति को शोभा ही नहीं देता है। सबको पता है एक दिन मरना है तो क्या व्यक्ति कर्म करना छोड़ दे।” देव सियोल लिखते हैं कि “जब सब कुछ नियति ही कर रही है तब लोग इनके पास क्यों पर्चियां खुलवाने जा रहे हैं।” दीपक देवेश लिखते हैं कि “जिन लोगों के परिजन मरे हैं, एक बार बाबा को उनके सामने लाया जाए।”