Yogi Adityanath: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संभल मुद्दे को लेकर कितना गंभीर हैं ये उनके बयानों से झलक जाता है। इसी कड़ी में सीएम योगी का एक और बयान सामने आ गया है जिसमें वे सैकड़ों वर्ष पहले किए गए अतिक्रमण पर बोलते हुए इतिहास की याद दिला रहे हैं। रिपब्लिक भारत को दिए एक साक्षात्कार में सीएम Yogi Adityanath को आइन-ए-अकबरी का जिक्र करते भी सुना जा सकता है। सीएम योगी तल्ख अंदाज में संभल के प्राचीन इतिहास का भी जिक्र कर रहे हैं। उन्होंने प्राचीन दस्तावेजों का जिक्र कर याद दिलाया है कि कैसे Sambhal में स्थित श्रीहरि मंदिर को तोड़कर अवैध निर्माण को अंजाम दिया गया था। योगी आदित्यनाथ ने इशारों-इशारों में ही दंगा करने वालों और काननू हाथ में लेने वालों को सख्त चेतावनी दे दी है। उन्होंने कहा है कि जब बिमारी गंभीर हो सर्जरी आवश्यक हो जाता है।
आइन-ए-अकबरी का जिक्र कर Yogi Adityanath ने याद दिलाया संभल का इतिहास!
सीएम योगी आदित्यनाथ ने ‘रिपब्लिक भारत चैनल’ को दिए साक्षात्कार के दौरान संभल से जुड़े कई पहलुओं पर अपना पक्ष रखा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि “किसी भी बीमारी का उपचार होना आवश्यक है। क्योंकि उपचार की प्रक्रिया के साथ कितनी भी कीमोथीरेपी और रेडियोथीरेपी आप देते रहेंगे, इसका समाधान नहीं निकलेगा। सर्जरी एक बार होगी और सर्जरी के लिए हमे तैयार रहना होगा। फोड़ा कितना भी बड़ा क्यों न हो, अगर एक बार कायदे से सर्जरी हो जाएगी, तो सब ठीक हो जाएगा। मुझे लगता है इस प्रकार के विवादों के लिए समाधान का रास्ता हमे पता है।”
मुख्यमंत्री Yogi Adityanath ने कहा कि “मैं पूछना चाहता हूं, अगर आइन-ए-अकबरी इस बात को प्रमाणित कर रहा कि यहां (संभल) श्रीहरि मंदिर को तोड़कर, कोई एक ढाचा खड़ा किया गया है। तो लोग अपनी आत्मा को एक बार झकझोरें, देखें और बीमारी को समय रहते स्वीकार करें, नहीं तो दिक्कत खड़ा कर सकता है।”
‘संभल विवाद’ पर सीएम योगी आदित्यनाथ का करारा प्रहार!
विवादों के कारण सुर्खियों में रहे संभल मुद्दे पर योगी आदित्यनाथ ने अपना पक्ष रखते हुए विपक्ष पर करारा प्रहार बोला है। सीएम Yogi Adityanath ने कहा कि “आप देख रहे हैं कैसे एक-एक कर संभल का इस्लामीकरण हुआ। कहां वहां एक-एक प्राचीन विरासत नष्ट किए गए। सनातन विरासत से जुड़े चिन्हों को निशाना बनाया गया। मंदिर बंद हुए, बावड़ियां और कुएं पाट दिए गए। वहां लगातार दंगे होते थे और कोई सरकारें नही बोलती थीं। 1947 से लेकर 2017 तक वहां 200 के करीब हिंदुओं की हत्या हुई। हिंदुओं को निर्मम रूप से मारा गया। हालांकि, अब स्थिति बदल गई है। किसी तरह के कुकृत्य करने वालों को सार्वजनिक रूप से खड़ा कर उसे चिन्हित कर सजा दिलाने का काम करना चाहिए।”