Waqf Amendment Bill: Lok Sabha में बिल पास होने के बाद प्रतिक्रियाओं की बाढ़ सी आ गई है। अमित शाह, राजनाथ सिंह, किरेन रिजिजू समेत NDA के कई नेता Waqf Amendment Bill को ऐतिहासिक बताते हुए इसकी तारीफ में कसीदे गढ़ रहे हैं। वहीं अखिलेश यादव, इकरा हसन, इमरान मसूद, इमरान प्रतापगढ़ी, असदुद्दीन ओवैसी जैसे नेता संशोधन विधेयक को संविधान के खिलाफ बताते हुए करारा प्रहार बोल रहे हैं। Iqra Hasan ने ये तक कह दिया है कि नया कानून बनने के बाद लोग सड़कों पर आ जाएंगे।
लोकसभा से Waqf Amendment Bill पास होने के बाद विपक्षी खेमा ने बोला प्रहार
पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने बिल को असंवैधानिक बताते हुए इसके खिलाफ लड़ाई जारी रखने की बात कही है। अखिलेश यादव वक्फ अमेंडमेंट बिल को अल्पसंख्यकों के खिलाफ षडयंत्र बता रहे हैं।
सपा सांसद इकरा हसन ने भी Waqf Amendment Bill को महिलाओं के खिलाफ बताया है। लोकसभा में अपना पक्ष रखते हुए इकरा हसन ने कहा कि “लाखों ऐसे लोग हैं जो वक्फ की संपत्ति से अपना रोजगार चला रहे हैं। यह बिल लागू होने से लाखों लोग अपनी जायदाद पर अपना स्टेटस खो देंगे। इस तरीके के लोग सड़कों पर आ जाएंगे।”
कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने वक्फ बिल पास होने के बाद कहा है कि “संसद रात 2 बजे तक काम कर रही थी और रात 1:30 बजे अमेरिका ने टैरिफ लगा दिया। देश और खासकर भाजपा के मतदाताओं को यह समझना चाहिए कि टैरिफ के मुद्दे से लोगों को भटकाने के लिए यह वक्फ संशोधन विधेयक पहले से ही योजनाबद्ध था। अमेरिका ने 26% टैरिफ लगाया, लेकिन सरकार उस पर बात करने को तैयार नहीं है और मैंने सुना है कि पीएम अब थाईलैंड चले गए हैं।”
इमरान मसूद का कहना है कि “संविधान को कुचला जा रहा है। यह दुखद है कि संख्या के आधार पर चीजें चल रही हैं। हम अपनी लड़ाई जारी रखेंगे और अदालत जाएंगे।”
राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी का कहना है कि “रात के अंधेरे में एक काला विधेयक पारित किया गया। यह सभी धर्मों के लिए खतरे की घंटी है। हिंदुओं की भी संपत्ति है, सिखों की भी संपत्ति है, या ऐसे सभी धर्मों और संस्थाओं की संपत्ति है, तो क्या अब उनकी संपत्ति भी छीन ली जाएगी?”
वक्फ अमेंडमेंट बिल को ऐतिहासिक बताते हुए सत्तारुढ़ दल BJP ने रखा पक्ष!
एक ओर संशोधन विधेयक का भारी विरोध है, तो वहीं सत्तारुढ़ खेमा इसे ऐतिहासिक बता रहा है। लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि “कुछ लोग ये अफवाह फैला रहे हैं कि इस एक्ट से मुस्लिम समुदाय के धार्मिक अधिकारों और उनकी संपत्तियों में दखल दिया जाएगा। यह पूरी तरह से गलत है और महज अल्पसंख्यकों को डराने की एक साजिश है, ताकि उन्हें वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया जा सके। इस सदन के माध्यम से मैं देश के मुसलमानों से कहना चाहता हूं कि आपके वक्फ में एक भी गैर-मुस्लिम नहीं आएगा। इस कानून में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। लेकिन वक्फ बोर्ड और वक्फ काउंसिल क्या करेंगे? वक्फ की संपत्तियां बेचने वालों को पकड़कर बाहर निकालेंगे।”
पार्टी के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने Waqf Amendment Bill पास होने के बाद कहा है कि “आज सामाजिक न्याय की जीत हुई है। गरीब मुसलमान, महिलाएं, अनाथ बच्चे आदि भी वक्फ संपत्तियों से लाभान्वित होंगे। यह सुशासन की भी जीत है। अब यह बिल राज्यसभा में जाएगा और जब यह कानून बन जाएगा तो वक्फ व्यवस्था में जो भी बुराइयां थीं वो खत्म हो जाएंगी। यह बिल गरीब मुसलमानों के अधिकारों को सुनिश्चित करेगा और संवैधानिक व्यवस्था को बनाए रखेगा।”
ध्यान देने योग्य बात है कि सरकार ने भारी विरोध और गहमा-गहमी के बीच लोकसभा से Waqf Amendment Bill पारित करा लिया है। अब सरकार इसे राज्यसभा में पेश करेगी। नंबर गेम की बात करें तो राज्यसभा में इस समय कुल 236 सांसद हैं। ऐसे में किसी भी बिल के लिए बहुमत 119 सांसदों का समर्थन होना अनिवार्य है। बीजेपी के 98 सांसद राज्यसभा मे हैं। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी किन सहयोगी दलों के सहारे नैया पार लगाती है।