USAID Funding: राजनेता अपने-अपने हिस्से का पक्ष लेकर एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। देश में छिड़ी इस सियासी जंग के बीच वित्त मंत्रालय की एक रिपोर्ट ने सनसनी मचा दी है। वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट में बताया गया है कि USAID Funding के माध्यम से भारत में ‘वोटर्स टर्नआउट’ के लिए कोई पैसा नहीं आया है। वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट को लेकर बदले समीकरण के बाद BJP नेता अमित मालवीय का तर्क भी बदला नजर आ रहा है। उन्होंने एक्स पोस्ट जारी कर अपने हिस्से का पक्ष रखा है। वहीं Congress अब इस पूरे प्रकरण को लेकर हमलावर है। तो आइए हम आपको अमित मालवीय के साथ कांग्रेसी नेताओं का पक्ष भी बताते हैं। साथ ही ये भी बताते हैं कि यूएसएड फंडिंग पर वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट क्या है।
USAID Funding पर क्या बोले BJP नेता Amit Malviya
अमित मालवीय के एक्स हैंडल से एक पोस्ट जारी कर यूएसएड फंडिंग से जुड़े प्रकरण में तर्क पेश किए गए हैं। बीजेपी नेता का कहना है कि “भारत की चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने के लिए जॉर्ज सोरोस से जुड़े विभिन्न मोर्चों और एनजीओ संरचनाओं की भूलभुलैया के माध्यम से विवादास्पद USAID Funding से ध्यान हटाने के लिए कांग्रेस की हताशा एक मृत उपहार है। अब यह स्पष्ट है कि लाभार्थी कौन हैं। हालांकि, हमें स्पष्ट होना चाहिए कि विचाराधीन USAID परियोजनाएं आधिकारिक सरकार-से-सरकारी भागीदारी हैं, जिन्हें पारदर्शी रूप से बाहरी सहायता प्राप्त परियोजनाओं के रूप में निष्पादित किया जाता है। केंद्र इन निधियों को केवल विकास के लिए राज्यों को भेजता है, जो सहकारी संघवाद के ढांचे के भीतर है।”
Amit Malviya आगे कहते हैं कि “वास्तव में, वित्त मंत्रालय की 2023-24 रिपोर्ट में उद्धृत परियोजनाओं की उत्पत्ति 2010-11 में हुई थी। यह कोई नई बात नहीं है। यहां तक कि 2014-15 की रिपोर्ट भी इसकी पुष्टि करती है। सवाल यह है कि कांग्रेस जॉर्ज सोरोस से जुड़े विदेशी दानदाताओं और संगठनों के गुप्त हस्तक्षेप का बचाव क्यों कर रही है, जो परोपकार की आड़ में हमारे लोकतंत्र को अस्थिर करना चाहते हैं? भारत की संप्रभुता बिक्री के लिए नहीं है। भारत का शासन परोपकारी के भेष में विदेशी एजेंटों द्वारा निर्देशित नहीं किया जाएगा।”
Congress ने वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट सांझा कर साधा निशाना
जयराम रमेश ने USAID Funding से जुड़ी वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट का एक अंश सांझा कर केन्द्र पर निशाना साधा है। Congress नेता का कहना है कि “किसी और ने नहीं बल्कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री सहित उनकी झूठ ब्रिगेड के झूठ को पूरी तरह से उजागर किया है। जैसा कि वित्त मंत्रालय की 2023-24 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है, USAID वर्तमान में भारत सरकार के सहयोग से लगभग 750 मिलियन डॉलर के संयुक्त बजट के साथ सात परियोजनाओं को कार्यान्वित कर रहा है। इनमें से एक भी परियोजना का ‘वोटर्स टर्नआउट’ से कोई लेना-देना नहीं है। ये सभी केंद्र सरकार के साथ हैं और उसके माध्यम से हैं।”
यूएसएड फंडिंग को लेकर क्या है वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट?
वित्त मंत्रालय की एक रिपोर्ट प्रकाश में आई जो USAID Funding की दशा-दिशा को दर्शाती है। मंत्रालय की ओर से स्पष्ट किया गया है कि USAID ने वित्त वर्ष 2023-24 में भारत में 7 प्रोजेक्ट्स के लिए 750 मिलियन डॉलर यानी करीब 65 अरब की फंडिंग की है। इसकी मदद से विकास के 7 प्रोजेक्ट्स संचालित हो रहे हैं। फंडिंग में वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के लिए किसी भुगतान का जिक्र नहीं है। इसमें कृषि और खाद्य सुरक्षा, जल, स्वच्छता और साफ-सफाई, नवीकरणीय ऊर्जा, डिजास्टर मैनेजमेंट समेत अन्य सेक्टर में कराए गए विकास कार्यों का जिक्र है।