Indian Citizenship: संसद से एक आंकड़ा सामने आया है जो लोगों को थोड़ा बहुत हैरान भी कर रहा है। भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि पिछले पांच सालों में 9 लाख से ज्यादा भारतीयों ने भारतीय नागरिकता त्याग दी है। औसतन ये आंकड़ा प्रति वर्ष करीब 2 लाख का होगा। इसको लेकर तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं।
पूछा जा रहा है कि आखिर क्यों लोग भारतीय नागरिकता त्याग कर विदेश का रुख कर रहे हैं? क्या इसकी वजह विदेश में नौकरी का शानदार अवसर है? या कुछ और वजह है। इन तमाम सवालों के बीच भारत सरकार ने स्पष्ट जवाब भी दिया है और बताया है कि क्यों हर वर्ष भारत की नागरिकता छोड़ रहे लाखों लोग अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा जैसे देशों का रुख कर रहे हैं। तो आइए आपको सबकुछ विस्तार से बताते हैं।
सरकार ने बताया क्यों हर वर्ष Indian Citizenship छोड़ रहे लाखों लोग
केन्द्र की ओर से इस संबंध में पुख्ता जानकारी साझा की गई है। विदेश मंत्रालय ने संसद के पटल पर बताया कि भारतीय लोगों के नागरिकता छोड़ने और विदेश का रुख करने की वजहें व्यक्तिगत हैं और सिर्फ उन्हीं को पता होती हैं जो अपना देश छोड़ दूसरे देश के लिए रवाना होते हैं। लोग व्यक्तिगत सुविधा के लिए विदेशी नागरिकता लेते हैं। भारतीय लोगों के देश की नागरिकता छोड़ने के पीछे एक प्रमुख कारण भारत में दोहरी नागरिकता की सुविधा न होना है।
ऐसी स्थिति में यदि कोई भारतीय नागरिक विदेशी सरजमी पर जाकर वहां की नागरिकता लेता है, तो स्वत: ही उसकी भारतीय नागरिकता खत्म हो जाती है। विदेश में रहने वाले लोगों को वोटिंग का अधिकार, सोशल सिक्योरिटी, सरकारी नौकरियां और लंबे समय की स्थिरता सिर्फ नागरिकता से मिलती है। यही वजह है कि भारी तादाद में भारतीय नागरिक अपने देश की नागरिकता छोड़ विदेश में सेटल हो रहे हैं।
हर साल 2 लाख से ज्यादा लोगों ने छोड़ी भारतीय नागरिकता
वर्ष 2022 के बाद से आया ये आंकड़ा चिंताजनक है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक वर्ष 2022 से अब तक हर साल 2 लाख से ज्यादा लोगों ने भारत की नागरिकता छोड़ी है। 2011 से 2024 तक भारतीय नागरिकता त्यागने वाले लोगों की कुल संख्या करीब 20.6 लाख है। इसमें आधी से ज्यादा आबादी ने पिछले 5 सालों में अपनी भारतीय नागरिकता को अलविदा कहा है।
2011 से 2020 तक हर साल 1.2 लाख से 1.45 लाख लोग नागरिकता छोड़ते थे। कोविड के समय 2020 में यह संख्या घटकर करीब 85000 रह गई थी। इसके बाद नागरिकता छोड़ने वालों की संख्या में तेजी आई और 2022 से हर साल 2 लाख से ज्यादा लोगों ने भारत को अलविदा कहा है।






