Bhupesh Baghel: छत्तीसगढ़ में ईडी की एक रेड क्या हुई, कि उसकी गूंज राजधानी दिल्ली समेत देश के विभिन्न हिस्सों में सुनी जाने लगी। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने तो भूपेश बघेल पर हुई ईडी रेड को षडयंत्र करार दिया है। दावा किया जा रहा है कि भूपेश बघेल पर हुई कार्रवाई का असर Congress की छवि पर पड़ सकता है। पर क्या पार्टी छत्तीसगढ़ में मटियामेट हो जाएगी? ये सवाल इसलिए है क्योंकि छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के कद का कोई नेता नहीं है। ऐसे में यदि Bhupesh Baghel पर कार्रवाई का क्रम जारी रहा तो, इसका असर पार्टी की छवि पर भी पड़ सकता है। संगठन से लेकर नीचले तबके तक के कैडर में इसको लेकर चर्चा है। इसी बीच केन्द्र और छत्तीसगढ़ में विपक्ष की भूमिका निभा रही कांग्रेस ने सत्तारुढ़ दल पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।
Bhupesh Baghel पर ED की कार्रवाई के बाद विपक्ष ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भूपेश बघेल पर हुई कार्रवाई को एक साजिश बताया है। उनका कहना है कि “आज जब संसद का सत्र शुरू हो रहा है, चारों तरफ़ से घिरी हुई भाजपा ने हेडलाइन बदलने के लिए, देश का ध्यान टैरिफ, गिरती हुई अर्थव्यवस्था, वोटर्स लिस्ट फ्रॉड आदि से भटकाने के लिए आज सुबह से ही कांग्रेस नेता Bhupesh Baghel के घर ED द्वारा रेड करवा दी। भाजपा को समझ लेना चाहिए कि वह ना कांग्रेस को रोक पाएगी, ना हमारे किसी भी नेता को। ना डरे हैं, ना डरेंगे।”
खुद भूपेश बघेल ने भी इसे साजिश बताया है। उनका कहना है कि “सात वर्षों से चले आ रहे झूठे केस को जब अदालत में बर्खास्त कर दिया गया तो आज ED के मेहमानों ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भिलाई निवास में आज सुबह प्रवेश किया है। अगर इस षड्यंत्र से कोई पंजाब में कांग्रेस को रोकने का प्रयास कर रहा है, तो यह गलतफहमी है।”
वरिष्ठ नेत्री कुमारी शैलजा का कहना है कि “यह सब राजनीति से प्रेरित है। यह सरकार अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ ईडी और अन्य एजेंसियों का इस्तेमाल करती है। लेकिन कांग्रेस पार्टी इन चीजों से डरने वाली नहीं है।”
राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने Bhupesh Baghel पर ईडी द्वारा की गई कार्रवाई को साजिश बताते हुए सरकार पर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि “ईडी, सीबीआई और आईटी भाजपा के फ्रंटल संगठनों की तरह काम करते हैं। छापेमारी इसलिए की गई क्योंकि भूपेश बघेल कांग्रेस पार्टी के पंजाब प्रभारी बन गए हैं। छापे का मतलब यह नहीं है कि व्यक्ति आरोपी है।”
क्या Chhattisgarh में मटियामेट होगी Congress की छवि?
ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि फिलवक्त छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के कद का कोई नेता कांग्रेस में नहीं नजर आ रहा है। मसलन टीएस सिंह देव, शिवकुमार दहरिया, ज्योत्सना महंत, राजेन्द्र साहू, ताम्रध्वज साहू समेत कई अन्य शीर्ष नेता हैं, लेकिन जनाधार के मामले में Bhupesh Baghel के आजू-बाजू भी कोई खड़ा होता नहीं नजर आता। यही वजह है कि 2023 में हुए छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में Congress को बहुमत मिलने की बात कही गई। तमाम एग्जिट पोल में कांग्रेस को बढ़त दिखाई गई।
हालांकि, समीकरण बदले और बीजेपी सरकार बनाने में सफल रही। फिलवक्त, जब भूपेश बघेल पर कथित शराब घोटाला, कोल लेवी घोटाला और ऑनलाइन सट्टा महादेव ऐप से जुड़े मामलों में संलिप्त होने के आरोप हैं, तो निश्चित रूप से पार्टी की साख दाव पर है। बीजेपी लगातार भूपेश बघेल का नाम लेकर कांग्रेस को घेर रही है। ऐसे में ये स्पष्ट है कि कांग्रेस भले ही छत्तीसगढ़ में मटियामेट ना हो, लेकिन पार्टी की छवि पर ED रेड का असर पड़ सकता है।