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Baisakhi 2025: आज है बैसाखी का पर्व, सूर्य देव की करें पूजा तो हो जाएंगे मालामाल, पूजा से पहले जान लें इसका महत्व

Baisakhi 2025: हिंदू कैलेंडर का दूसरा महीना वैशाख शुभ माना जाता है। इसमें शुभ कार्यों के लिए कई शुभ मुहूर्त होते हैं। जिसे हिंदू धर्म में बहुत शुभ माना जाता है। इतना ही नहीं, इस महीने में अक्षय तृतीया का त्योहार भी मनाया जाता है। इस दिन बिना मुहूर्त देखे कोई भी शुभ काम नहीं किया जा सकता है।

Baisakhi 2025 (प्रतीकात्मक तस्वीर)
Baisakhi 2025 (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Baisakhi 2025: आज देशभर में बैसाखी का त्योहार बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। यह दिन सभी के लिए खास महत्व रखता है, फिर चाहे वो किसान हो या युवा। बैसाखी के आते ही रबी की फसलों की कटाई शुरू हो जाती है। ऐसे में किसान अपनी फसलों की कटाई की खुशी में Baisakhi 2025 का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मना रहे हैं। इसके अलावा बैसाखी के त्योहार का दिन सूर्य देव की स्तुति के लिए भी खास दिन माना जाता है।

हिंदू पंडितों के अनुसार, जब सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है, तो बैसाखी का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन सच्चे मन से सूर्य देव की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है। परिवार में सुख, शांति और समृद्धि आती है। इसके लिए बैसाखी के पहले दिन पूजा करने वाले हर व्यक्ति को भगवान सूर्य देव को जल चढ़ाना चाहिए और उनकी पूजा करनी चाहिए। इस दौरान पवित्र जल का प्रयोग करें।

Baisakhi 2025: बैसाख संक्रांति या मेष संक्रांति का क्या महत्व है?

बैसाख संक्रांति या मेष संक्रांति। हिंदू कैलेंडर का दूसरा महीना वैशाख शुभ माना जाता है। इसमें शुभ कार्यों के लिए कई शुभ मुहूर्त होते हैं। जिसे हिंदू धर्म में बहुत शुभ माना जाता है। इतना ही नहीं, इस महीने में अक्षय तृतीया का त्योहार भी मनाया जाता है। इस दिन बिना मुहूर्त देखे कोई भी शुभ काम नहीं किया जा सकता है। चैत्र मास की समाप्ति के बाद वैशाख मास की शुरुआत होती है। आइए जानते हैं कि Baisakhi 2025 कब तक रहेगा और हिंदू धर्म में इसका पौराणिक महत्व क्या है?

Baisakhi 2025: वैशाख मास आरंभ और समाप्ति तिथि

आपको बता दें कि इस साल 2025 में वैशाख माह आज यानी 13 अप्रैल 2025 से शुरू हो गया है। इसका समापन 12 मई 2025 को होगा। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार हिंदू महीनों के नाम नक्षत्रों से संबंधित हैं। साथ ही महीनों का परिवर्तन चंद्र चक्र पर निर्भर करता है। यानी चंद्रमा जिस महीने में रहता है, उस महीने का नाम भी उसी नक्षत्र के आधार पर होता है। यहां ध्यान रखें कि वैशाख पूर्णिमा पर चंद्रमा विशाखा नक्षत्र में रहता है, इसलिए इस महीने को वैशाख के नाम से जाना जाता है। इन सभी हिंदू धार्मिक महत्व के साथ, Baisakhi 2025 पूरे देश में मनाई जा रही है।

Disclaimer: यहां साझा की गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं मिलता है। DNP India Hindi इन सभी बातों की सत्यता का प्रमाण नहीं प्रस्तुत करता है।

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