Mahak Jaiswal: अगर आप सच्ची लगन से मेहनत करेंगे तो सफलता आपके कदम चूमेगी। सफलता का कोई शॉर्टकट फॉर्मूला नहीं है। आप व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी से ज्ञान हासिल करके सफलता की सीढ़ी नहीं चढ़ सकते। बल्कि इसके लिए आपको लगातार मेहनत के साथ तार्किक ज्ञान का संतुलन बनाकर मेहनत करने की जरूरत है। तभी आप खुद को सफलता की सीढ़ी के शीर्ष पर देख सकते हैं। आज के लेख में कहानी UP Board 12th Topper Mahak Jaiswal की है। तमाम परिस्थितियों को हराकर महक ने आज जो मुकाम हासिल किया है उसके पीछे के संघर्ष की कहानी ऐसी है जिसे जानने के बाद हर कोई भावुक हो जाता है।
Akhilesh ने महक को सम्मान में लैपटॉप भेंट किया
महक के संघर्षपूर्ण जीवन की कहानी जानने से पहले आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट की टॉपर महक जायसवाल को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने सम्मान में लैपटॉप भी भेंट किया है।
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा अध्यक्ष Akhilesh Yadav ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा है कि, यूपी की 12वीं की बोर्ड परीक्षा में टॉप करनेवाली महक जायसवाल का झोपड़ी से सर्वोच्च स्थान तक पहुँचने का संघर्ष अति सराहनीय है। बधाई, शुभकामनाएँ और हमारी तरफ़ से उनकी प्रतिभा के सम्मान के लिए लैपटॉप की भेंट।”
पिता ने संघर्षों को पार कर Mahak Jaiswal को टॉपर बनाया
अल्लामा इकबाल का एक शेर है। जिसमें वे कहते हैं कि, ”खुदी को कर बुलंद इतना कि हर तक़दीर से पहले, खुदा बंदे से खुद पूछे बता तेरी रजा क्या है”? महक का खपरैल छप्पर वाला मकान करीब दो साल पहले बारिश की भेंट चढ़ गया था। जिसके बाद मकान ढह गया। इसके बाद पूरे परिवार को कुछ दिनों तक सड़क किनारे झोपड़ी बनाकर रहना पड़ा। सिर पर छत और झोपड़ी में बिजली तक न होने के बावजूद पिता शिव प्रसाद और भाई मजदूरी कर कौशांबी जिले में एक छोटी सी पान की दुकान से परिवार की जीविका चलाते रहे।
हकीकत तो यह है कि इसी से उनके घर की रसोई और महक व उसके भाई-बहनों की पढ़ाई का खर्च चलता है। महक के माता-पिता में इतनी हिम्मत है कि उन्होंने घर की गरीबी, बदहाली और रोजमर्रा की जद्दोजहद को कभी अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया। खास बात यह है कि Mahak Jaiswal अपने घर में दूसरे नंबर की बेटी हैं। इससे पहले साल 2018 में उनकी बड़ी बहन आरुषि जायसवाल ने 2018 यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट परीक्षा में प्रदेश में चौथा स्थान हासिल किया था। अब महक ने पहला स्थान हासिल कर माता-पिता का नाम रोशन किया है।
यूपी इंटरमीडिएट टॉपर Mahak Jaiswal की संघर्ष कहानी
परिवार की आर्थिक स्थिति की परेशानियों को पार करते हुए महक रोजाना अपने गांव करेहटी से 8 किलोमीटर पैदल चलकर बच्चाराम यादव इंटर कॉलेज भुलई का पुरा, फूलपुर जाती थी। इतना ही नहीं उसने बिना किसी कोचिंग और सुविधाओं के पूरे प्रदेश में अपने नाम और काम की खुशबू फैला दी है। जिसके लिए उसे भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में ख्याति मिली है। Mahak Jaiswal ने अपनी सफलता से न सिर्फ परिवार का मान बढ़ाया है बल्कि उत्तर प्रदेश के साथ देश का नाम भी ऊंचा किया है। जिसके लिए देश का हर व्यक्ति उन्हें बधाई दे रहा है।
UP Board 12th Topper महक जायसवाल की मार्कशीट
महक जायसवाल शुरू से ही पढ़ाई में मेहनती रही हैं। इसकी झलक उनके यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट परीक्षा के मार्कशीट में देखी जा सकती है। UP Board 12th Topper महक जायसवाल की मार्कशीट से पता चलता है कि उन्होंने हिंदी विषय में 95 अंक हासिल किए हैं। उन्होंने अंग्रेजी विषय में 95 अंक हासिल किए हैं। महक ने फिजिक्स थ्योरी में 69 अंक हासिल किए हैं। जबकि इसी विषय के प्रैक्टिकल में उन्हें 30 अंक मिले हैं। यानी फिजिक्स में ओवरऑल बात करें तो महक ने 99 अंक हासिल किए हैं। केमिस्ट्री में महक जायसवाल ने प्रैक्टिकल में 30 अंक और थ्योरी में 69 अंक हासिल किए हैं। इसके अलावा बायोलॉजी में महक को कुल 99 अंक मिले हैं।