President Droupadi Murmu: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू वेटिकन सिटी में पोप फ्रांसिस के राजकीय अंतिम संस्कार में शामिल हुईं, जिनका 21 अप्रैल को निधन हो गया था। वेटिकन ने गुरुवार को कहा कि कम से कम 130 विदेशी गणमान्य व्यक्तियों ने पोप फ्रांसिस के अंतिम संस्कार में शामिल होने की पुष्टि की है। रिपोर्टों के अनुसार, इनमें 50 राष्ट्राध्यक्ष और 10 सम्राट शामिल हैं। जिन राष्ट्राध्यक्षों और शाही परिवारों ने अपनी उपस्थिति की पुष्टि की है, उनमें भारतीय President Droupadi Murmu, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प, ब्रिटेन के प्रिंस विलियम, स्पेन के राजा फेलिप VI और रानी लेटिज़िया और ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुईस इनासियो लूला दा सिल्वा शामिल हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई ने सोशल मीडिया प्लेफॉर्म एक्स पर लिखा कि, वेटिकन सिटी में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अन्य विश्व नेताओं के साथ पोप फ्रांसिस के राजकीय अंतिम संस्कार में शामिल हुईं, जिनका 21 अप्रैल को निधन हो गया था।”
Pope Francis Funeral में President Droupadi Murmu शामिल हुईं
वहीं, भारतीय विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को एक आधिकारिक बयान में कहा था कि 25-26 अप्रैल की अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान, Pope Francis Funeral में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी और सरकार और भारत के लोगों की ओर से संवेदना व्यक्त करेंगी। एक अन्य प्रेस विज्ञप्ति में विदेश मंत्रालय ने कहा कि, “परम पावन Pope Francis को दुनिया भर के लाखों लोगों द्वारा करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक के रूप में याद किया जाएगा।”
मालूम हो कि President Droupadi Murmu शुक्रवार को केंद्रीय संसदीय मामलों और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू के साथ पोप फ्रांसिस के राजकीय अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए वेटिकन सिटी के लिए रवाना हुईं थी।
Pope Francis के निधन पर PM Modi ने शोक व्यक्त किया
पोप फ्रांसिस के निधन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया और कहा कि भारत के लोगों के प्रति पोप के स्नेह को हमेशा याद रखा जाएगा। वे आगे कहते हैं कि, “परम Pope Francis के निधन से बहुत दुख हुआ। दुख और स्मरण की इस घड़ी में, वैश्विक कैथोलिक समुदाय के प्रति मेरी हार्दिक संवेदनाएँ। पोप फ्रांसिस को हमेशा दुनिया भर के लाखों लोगों द्वारा करुणा, विनम्रता और आध्यात्मिक साहस के प्रतीक के रूप में याद किया जाएगा। छोटी उम्र से ही उन्होंने प्रभु ईसा मसीह के आदर्शों को साकार करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया था। उन्होंने गरीबों और दलितों की लगन से सेवा की। जो लोग पीड़ित थे, उनके लिए उन्होंने आशा की भावना जगाई।”