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10वीं बोर्ड परीक्षा और MPhill पर विराम! National Education Policy को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी, जानें कैसी होगी नई संरचना?

National Education Policy
Picture Credit: गूगल (सांकेतिक तस्वीर)

National Education Policy: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नई शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी है। इसके तहत अब 10वीं बोर्ड परीक्षा की अनिवार्यता खत्म होगी और एमफिल बंद होगा। आज केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित नई शिक्षा नीति 2020 को अपनी मंजूरी दे दी। 36 वर्षों बाद, केंद्र सरकार के कैबिनेट की स्वीकृति के बाद देश में नई शिक्षा नीति लागू हुई है। दशकों बाद शिक्षा नीति में बदलाव किया गया है। आइए हम आपको नई शिक्षा नीति की प्रमुख बातें बताते हैं।

National Education Policy नई शिक्षा संरचना का फार्मूला

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी की शिक्षा संरचना इस प्रकार है-

कक्षाअभ्यर्थी की उम्र
नर्सरी4 वर्ष
जूनियर केजी 5 वर्ष
सीनियर केजी 6 वर्ष
कक्षा 1 7 वर्ष
कक्षा 2 8 वर्ष
कक्षा 3 9 वर्ष
कक्षा 4 10 वर्ष
कक्षा 5 11 वर्ष
कक्षा 6 12 वर्ष
कक्षा 7 13 वर्ष
कक्षा 8 14 वर्ष
कक्षा 9 15 वर्ष
कक्षा 10 (SSC) 16 वर्ष
कक्षा 11 (FYJC) 17 वर्ष
कक्षा 12 (SYJC) 18 वर्ष

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी की विशेष बातें

राष्ट्रीय शिक्षा नीति के मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं-

1- अब केवल 12वीं कक्षा में बोर्ड परीक्षा होगी।
2- 10वीं बोर्ड परीक्षा अनिवार्य नहीं होगी।
3- एमफिल (MPhil) को समाप्त कर दिया जाएगा।
4- कॉलेज की डिग्री 4 वर्ष की होगी।
5- अब 5वीं तक की पढ़ाई मातृभाषा, स्थानीय भाषा और राष्ट्रीय भाषा में होगी। अंग्रेजी को सिर्फ एक विषय के रूप में पढ़ाया जाएगा।
6- 9वीं से 12वीं तक सेमेस्टर प्रणाली लागू होगी।
7- कॉलेज की डिग्री अब 3 या 4 साल की होगी।

अभ्यर्थियों को 1 साल बाद सर्टिफिकेट, 2 साल बाद डिप्लोमा और 3 साल बाद डिग्री मिलेगा। इसके अलावा 4 साल की डिग्री करने वाले छात्र सीधे 1 साल में MA कर सकेंगे।

कुछ अन्य बातें भी प्वाइंट के माध्यम से आपको बताते हैं-

1- MA करने वाले छात्र अब सीधे PhD कर सकेंगे।
2- अगर कोई छात्र एक कोर्स के बीच में दूसरा कोर्स करना चाहता है, तो उसे कुछ समय के लिए ब्रेक लेकर ऐसा करने की अनुमति होगी।
3- उच्च शिक्षा में प्रवेश दर (GER) 2035 तक 50% करने का लक्ष्य।
4- उच्च शिक्षा में कई सुधार किए जाएंगे, जिसमें शैक्षणिक, प्रशासनिक और वित्तीय स्वायत्तता शामिल होगी।
5- ई-कोर्स क्षेत्रीय भाषाओं में शुरू किए जाएंगे।
6- वर्चुअल लैब्स विकसित की जाएंगी।
7- राष्ट्रीय शैक्षिक तकनीकी मंच (NETF) की स्थापना की जाएगी।
8- देशभर के सरकारी, निजी और डीम्ड संस्थानों के लिए एक समान नियम लागू होंगे।

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