Amul Ghee Test: अमूल घी का इस्तेमाल न जाने कितने घरों में बिना सोचे समझे किया जाता है लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि क्या यह आपके स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। अमूल घी क्या उन सभी मापदंडों पर खड़ी उतरती है जिस बात का दावा कंपनी खुद करती है। ट्रस्टीफाई नाम के यूट्यूब चैनल से इसका ब्लाइंड लैब टेस्ट किया गया और इसके बाद जो खुलासा हुआ वह जानकर शायद आपके होश उड़ जाए। आइए जानते हैं अमूल की टेस्ट में आखिर क्या निकला जिसकी चर्चा हो रही है और लोग इसकी गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
Amul Ghee Test में फेल हुई कंपनी
Credit- Trustified
ट्रस्टीफाई यूट्यूब चैनल जो अलग-अलग प्रोडक्ट्स को लेकर टेस्टिंग के जरिए इसका खुलासा करते हैं। उन्होंने अमूल कॉउ घी टेस्ट किया और इस दौरान खुलासा किया गया कि क्या इसमें वेजिटेबल ऑयल की मौजूदगी होती है। अगर आपके घर में अमूल घी का इस्तेमाल होता है तो आइए जानते हैं टेस्ट के लेब रिपोर्ट में आखिर क्या खुलासे हुए और क्यों इसे फेल कैटेगरी में डाला गया है। अमूल घी टेस्ट में सभी पैरामीटर से इसकी जांच की गई।
क्या अमूल घी में इस्तेमाल होता है वेजिटेबल ऑयल
अमूल घी टेस्ट को लेकर कहा गया कि इसमें सिर्फ फैट होते हैं तो प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट से हटके 99.91% फैट पाया गया। इस टेस्टिंग से यह प्रूफ होता है कि इसमें फैट है और इसके अलावा और कुछ नहीं है। क्या यह फैट प्योर कॉउ मिल्क का है या फिर कहीं इसमें वेजिटेबल ऑयल तो नहीं डाला गया। ऐसे में यह पाया गया कि इसमें कोई भी वेजिटेबल ऑयल का इस्तेमाल नहीं किया गया है तो इसके अलावा रिफ्रैक्टिव इंडेक्स टेस्टिंग में भी यह पास हुआ और ऐसे में इसकी प्योरिटी पर सवाल खड़ा नहीं किया जा सकता है।
क्या फैटी एसिड टेस्ट में पास है अमूल घी
अमूल घी टेस्ट के मुताबिक कंपनी फैटी एसिड टेस्ट में भी पास हुई है और कहा गया है कि कंपनी ने अपने लेवल पर सिर्फ सैचुरेटेड फैट रखा है लेकिन हमने सैचुरेटेड फैट्स, मोनो अनसैचुरेटेड फैट्स और ट्रांस फैट्स उन सभी की टेस्टिंग कराई जो नॉर्मल घी की तरह है और यह फैटी एसिड प्रोफाइल को भी टेस्ट पास करता है। इसमें कोई भी हेवी मेटल नहीं पाया गया।
Amul Ghee Test में क्यों यह है फेल
वहीं अमूल घी टेस्ट में पेस्टिसाइड्स की टेस्टिंग कराई गई और इसमें एक पेस्टिसाइड डिटेक्ट हुआ है जिसका नाम नोवालुरोन है जहां कंपनी 0.01 एमजी पर केजी का दावा करती है तो लैब रिपोर्ट में 0.014 एमजी पर केजी पाया गया। वहीं इसके साथ ही बताया गया कि एफएसएसएआई ने उन 233 पेस्टिसाइड्स में नोवालुरोन का नाम भी दिया है जिसका टेस्ट करवाना जरूरी है। सेफ लिमिट से ज्यादा पाया गया है और यह फेल कैटेगरी में है।
