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Blood Sugar: डायबिटीज के मरीज को महीने में कितनी बार करवाना चाहिए टेस्ट ? जानें क्यों HbA1c परीक्षण भी है अनिवार्य

Blood Sugar: बढ़े हुए शुगर की बीमारी से जूझ रहे लोगों को डॉक्टर के द्वारा HbA1c परीक्षण कराने की सलाह दी जाती है। आज हम आपको इस टेस्ट के बारे में जरुरी बातें बताएंगे। डायबिटिज के मरीजों के लिए ये अहम जानकारी साबित हो सकती है।

Blood Sugar
Blood Sugar: Picture Credit: Google

Blood Sugar: डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जिसे कंट्रोल करने के लिए जिंदगी भर कंट्रोल डाइट खानी पड़ती है। लाइफस्टाइल जरा भी गड़बड़ाने से मरीज को तमाम सारी बीमारियां घेर लेती हैं। शुगर का लेवल अगर बढ़ जाए तो इससे किडनी, हार्ट और स्ट्रोक सहित आंखों की बीमारी, इनफेक्शन सहित तमाम तरह की समस्याएं घेरने लगती है। इसीलिए डॉक्टर के द्वारा संतुलित लाइफ स्टाइल देने की बात कही जाती है। ऐसे में लोगों के मन में अकसर ये सवाल आता है कि, HbA1c परीक्षण कब और कितनी बार होना चाहिए। वैसे तो घर-घर में ऑटोमैटिक ब्लड शुगर टेस्टिंग ग्लूकोमीटर मशीन मिल जाएगी। इससे दिन में बढ़ने और घटने वाली डायबिटिज का पता लगाया जाता है। लेकिन डॉक्टर के द्वारा समय-समय पर HbA1c टेस्ट करवाने की सलाह दी जाती है।

HbA1c टेस्ट क्या होता है?

डायबिटीज के मरीज को HbA1c परीक्षण कराने की सलाह डॉक्टर तीन महीने में एक या दो बार कराने की दे सकता है। ये टेस्ट बढ़े हुए शुगर के ऊपर निर्भर करता है। इस टेस्ट से चेक किया जाता है कि, ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल हुआ है या फिर नहीं हुआ है। ये ब्लड में हीमोग्लोबिन से जुड़े ग्लूकोज की मात्रा को चेक करता है। इस टेस्ट को मरीज किसी भी समय करा सकता है। इसके लिए किसी भी प्रकार की खास डाइट की जरुरत नहीं पड़ती है।

HbA1c डायबिटीज के मरीज का कितना होना चाहिए?

HbA1c परीक्षण मरीज के ब्लड शुगर के लेवल पर निर्भर करता है। HbA1c टेस्ट मरीज के ब्लड शुगर लेवल के आधार पर होता है। अगर किसी मरीज का शुगर लेवल HbA1c 5.7 प्रतिशत से कम है तो ये अच्छा माना जाता है। वहीं, ये लेवल 5.7 से 6.4 प्रतिशत है तो मरीज को प्री-डायबिटिक है। वहीं, अगर शुगर का लेवल 6.5 प्रतिशत है तो ये मरीज का शुगर लेवल बढ़ा हुआ माना जाता है।

कैसे जानें शुगर लेवल सामान्य है?

जब भी शुगर का टेस्ट किया जाता है तो ये खाने से पहले 80-100 मिग्रा/डीएल होना चाहिए, अगर ये है तो मरीज नॉर्मल है। वहीं, खाने के बाद 140 मिग्रा/डीएल नॉर्मल माना जाता है। इससे ऊपर या फिर नीचे जाता है तो डॉक्टर से संपर्क करें।

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