Raj Thackeray: महाराष्ट्र में राजनीतिक बयानबाजी के बीच सियासी घमासान बढ़ता जा रहा है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख राज ठाकरे का ताजा बयान चर्चा का केंद्र बन गया है। मनसे प्रमुख ने औरंगजेब की मजार को लेकर सांप्रदायिक तनाव भड़काने की कोशिशों की निंदा की है और लोगों से इतिहास को जाति और धर्म के चश्मे से न देखने की अपील करते हुए कई अहम बातें कही हैं। जिसकी अब देशभर में तारीफ हो रही है।
क्योंकि इस समय महाराष्ट्र की राजनीति में सत्ता पक्ष और विपक्ष पर जाति और धर्म आधारित राजनीति करने का आरोप लग रहा है। लेकिन सत्ता से दूर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना प्रमुख Raj Thackeray के ताजा बयानों में बाबा साहेब बाल ठाकरे की झलक देखने को मिलती है। उनकी राजनीति सर्वधर्म समभाव के लिए जानी जाती थी। जिसे राज ठाकरे अब और आगे बढ़ाने की कोशिश करते दिख रहे हैं। अगर राज ठाकरे के अब तक के राजनीतिक सफर की बात करें तो वह बेबाक और सर्वधर्म समभाव विचारों के साथ महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का नेतृत्व करते आए हैं।
Raj Thackeray ने व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी को दिखाया आईना
मालूम हो कि मुंबई के शिवाजी पार्क में वार्षिक गुड़ी पड़वा रैली को संबोधित करते हुए राज ठाकरे उन लोगों के खिलाफ गुस्से में दिखे जो बिना पुष्टि किए भ्रामक जानकारी शेयर करते हैं और वॉट्सऐप पर गलत कंटेंट फॉरवर्ड करते हैं। इस दौरान वे ऐसी गतिविधियों में शामिल लोगों को सख्त हिदायत देते नजर आए। Raj Thackeray ने कहा कि इतिहास का अध्ययन सोशल मीडिया के बजाय विश्वसनीय स्रोतों से करना चाहिए। किसी भी जानकारी की पहले पुष्टि करना जरूरी है।
राज ठाकरे ने Aurangzeb को लेकर कही ये बातें
अपने संबोधन के दौरान राज ठाकरे ने कहा कि हमें जलस्रोतों और पेड़ों की चिंता करनी चाहिए न कि औरंगजेब की कब्र की। बल्कि मौजूदा हालात में सब कुछ इसके उलट हो रहा है जो गलत है। उन्होंने विभाजनकारी राजनीति का शिकार होने से आगाह करते हुए कहा कि इतिहास के नाम पर लोगों को लड़ाया जा रहा है और राजनेता इन मुद्दों का फायदा उठाकर संघर्ष को बढ़ावा देते हैं। इस दौरान उन्होंने औरंगजेब को लेकर कहा कि वह शिवाजी नाम की एक सोच को मारना चाहता था। ठाकरे ने आगे कहा कि शिवाजी महाराज की मृत्यु के बावजूद Aurangzeb उनकी विचारधारा को मिटाने की असफल कोशिश में महाराष्ट्र में रहने लगा। उन्होंने औरंगजेब की कब्र को हटाकर वहां एक बोर्ड लगाने की बात कही। जिस पर लिखा जाना चाहिए कि औरंगजेब मराठों को खत्म करने आया था और वो यहां दफन हो गया।
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