Donald Trump Iran: दुनिया के ज्यादातर मध्य पूर्वी देशों में चल रहे वार-पलटवार युद्ध ने काफी तबाही मचाई है। जिसकी तस्वीरें लोगों को परेशान करती रही हैं। इन सबके बीच ईरान और अमेरिका के बीच संभावित युद्ध को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। दोनों देशों के बीच बयानबाजी थमने का नाम नहीं ले रही है। इसके बाद आशंका जताई जा रही है कि कहीं ये Third World War की प्रतीकात्मक पहल न बन जाए।
क्योंकि दोनों ही देशों के पास पर्याप्त आधुनिक सैन्य शक्ति है। जिसके दुरुपयोग का डर अब दुनिया को सताने लगा है। वैसे भी ईरानी प्रशासन अमेरिका के सामने बिल्कुल भी सरेंडर करने के मूड में नहीं दिख रहा है। बल्कि ट्रंप के बयान के बाद उसने अमेरिका के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी हैं। मानो कह रहे हों कि अभी तो सिर्फ टीजर ही रिलीज हुआ है। जबकि पूरी फिल्म अभी बाकी है। आगे पढ़िये मौजूदा घटनाक्रम से क्या संभावनाएं बनती हैं।
Iran ने अमेरिका के खिलाफ युद्ध का फूंका बिगुल?
तेहरान टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में खुलासा किया है कि ईरान ने डोनाल्ड ट्रंप की बमबारी की धमकी के आगे झुकने से इनकार कर दिया है। इस रिपोर्ट की मानें तो ईरान ने ट्रंप की धमकियों के मद्देनजर अमेरिकी ठिकानों पर हमला करने के लिए बड़ी संख्या में अपने भूमिगत मिसाइल शस्त्रागार को तैयार करना शुरू कर दिया है। गौरतलब है कि पिछले रविवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि अगर ईरान परमाणु समझौते को मानने से इनकार करता है तो उस पर बमबारी करना एक विकल्प है। जिसके बाद Iran ने कहा था कि अगर अमेरिका कोई नापाक हरकत करता है तो हम उसके सैन्य ठिकानों को भी नष्ट कर देंगे। ईरान ने इस बात की पुष्टि की थी कि अमेरिका द्वारा उस पर परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है, जिसका औचित्य इतना सही नहीं है।
Donald Trump के बयान से मची हलचल
एनबीसी न्यूज को दिए एक साक्षात्कार में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, “अगर ईरान कोई समझौता नहीं करता है, तो उन पर बमबारी की जाएगी। यह ऐसी बमबारी होगी, जैसी उन्होंने पहले कभी नहीं देखी होगी।” Donald Trump ने आगे ईरान को चेतावनी दी कि अमेरिका उस पर “द्वितीयक शुल्क” लगाएगा। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, परमाणु कार्यक्रम को लेकर वाशिंगटन में बढ़ती मांगों के बीच अमेरिका के साथ किसी भी प्रत्यक्ष वार्ता से ईरान ने खुद को दूर कर लिया है। हालांकि, वे अभी भी अप्रत्यक्ष वार्ता जारी रखे हुए हैं।