Donald Trump: इन दिनों मध्य पूर्व के कई देश युद्ध की भयंकर तबाही का सामना कर रहे हैं। अब यह कहना नामुमकिन है कि कहां और कब क्या हो जाए। हाल के सालों में एक तरफ हमास और इजरायल के बीच युद्ध की तस्वीरें लोगों के रोंगटे खड़े कर रही हैं। वहीं दूसरी तरफ यमन पर अमेरिका का हमला दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। अमेरिका यमन को हूतियों का समर्थक बताता रहा है। जवाबी कार्रवाई से पूरी दुनिया हैरान है। इस बीच इन सबके बीच अमेरिकी Donald Trump प्रशासन ने ईरान पर परमाणु समझौते के लिए दबाव संदेश देना शुरू कर दिया है। अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स में इसकी पुष्टि की गई है। जिसके बाद ट्रंप के खौफ ने पूरी दुनिया में हलचल बढ़ा दी है।
Nuclear Agreement को लेकर ट्रम्प की चेतावनी
मालूम हो कि हाल के दिनों में अमेरिका का पूरा फोकस ईरान को परमाणु समझौते के लिए तैयार करना है। लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए अमेरिका की सारी उम्मीदें धराशायी होती नजर आ रही हैं। हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump अब भी चाहते हैं कि दोनों देशों के बीच Nuclear Agreement हो जाए। इसे लेकर एनबीसी न्यूज को दिए इंटरव्यू में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, ”अगर वे नहीं माने तो बमबारी होगी। यह ऐसी बमबारी होगी जैसी उन्होंने पहले कभी नहीं देखी होगी।”
आपको बता दें कि एक रिपोर्ट के मुताबिक इसके जवाब में ईरानी संसद के स्पीकर ने अमेरिकी सैन्य ठिकानों को तबाह करने की चेतावनी दी है। रिपोर्ट की मानें तो ईरान के संसद स्पीकर मोहम्मद बकर कलीबाफ ने अंतरराष्ट्रीय कुद्स दिवस पर तेहरान यूनिवर्सिटी में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ये बातें कही हैं। इससे पहले एक रिपोर्ट में कहा गया था कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम पर समझौता करने से इनकार करता है तो वह ईरान पर बमबारी करने पर विचार करेंगे।
क्या अमेरिका और ईरान के बीच युद्ध शुरू हो गया है?
ये बात तो जगजाहिर है कि अमेरिका और ईरान की संभावित युद्द से दुनिया डरी हुई है। क्योंकि अमेरिका के ज्यादातर सैन्य अड्डे ईरान के पड़ोसी देशों और समुद्री इलाकों में बने हैं। जिसका इस्तेमाल वो हूती ठिकानों को तबाह करने में करता रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस वक्त अमेरिका के कुवैत, कतर, बहरीन और यूएई जैसे देशों में कई सैन्य अड्डे हैं। इसके अलावा इराक के असद बेस, उत्तरी इराक और पूर्वी सीरिया में भी अमेरिका ने कई सैन्य चौकियां बनाई हुई हैं।
ऐसे में कलीबाफ की चेतावनी अमेरिका के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। वो भी तब जब एक तरफ अमेरिका ईरान को परमाणु समझौते के लिए आमंत्रित कर रहा है। इसी बीच राष्ट्रपति Donald Trump की चिट्ठी मिलने के बाद ईरान ने अमेरिका से सीधी बातचीत करने से साफ इनकार कर दिया है। ईरान की मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने साफ कह दिया है कि देश अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका से सीधी बातचीत नहीं करेगा।