Home ख़ास खबरें Caste Census: पहलगाम हमले पर कार्रवाई के बीच, जाति जनगणना का फैसला...

Caste Census: पहलगाम हमले पर कार्रवाई के बीच, जाति जनगणना का फैसला आने की क्या है वजह? जानें Bihar Elections, डायवर्जन की रणनीति या फिर कुछ और

Caste Census: विपक्ष का आरोप है कि पहलगाम आतंकी हमले पर कार्रवाई करना सरकार का कर्तव्य है, न कि अपने फैसलों की टाइमिंग के लिए कारण बताना। मालूम हो कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद मौजूदा हालात में युद्ध जैसे स्थिति बन रहे हैं। हालांकि Caste Census को लेकर केंद्र सरकार की बड़ी घोषणा और इसकी टाइमिंग ने कई सवालों को जरूर जन्म दिया है।

0
Caste Census (प्रतीकात्मक तस्वीर)
Caste Census (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Caste Census: देश का ध्यान अभी भी पहलगाम आतंकी हमले और उसकी प्रतिक्रिया पर है। इन सबके बीच चाय की दुकानों से लेकर चौपाल तक मोदी सरकार द्वारा जाति जनगणना कराने के हाल ही में लिए गए फैसले की खूब चर्चा हो रही है। सबसे दिलचस्प बात यह है कि केंद्र की मोदी सरकार द्वारा देश में होने वाली जनगणना में Caste Census को शामिल करने के लिए फैसले की घोषणा की टाइमिंग को एक बड़े, या उससे भी बड़े आश्चर्य के तौर पर देखा जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह सब तब हुआ है, जब देश का ध्यान पहलगाम आतंकी हमले और उसकी प्रतिक्रिया पर केंद्रित रहा है । हालांकि, कई लोग इस सवाल को बल दे रहे हैं कि जाति जनगणना को लेकर अभी घोषणा क्यों की गई? आइये इसे जानने की कोशिश करते हैं।

मोदी सरकार के Caste Census निर्णय पर उठते सवाल

मालूम हो कि पिछसे कई सालों से जाति जनगणना कराने को लेकर विपक्ष मुखर रहा है। विपक्षी खेमे में इसकी झलक सालों से दिखाई दे रही है। लेकिन अब केंद्र की मोदी सरकार ने इसे हरी झंडी देकर एक तरफ यह दिखाने की कोशिश की है कि जाति जनगणना देश में जाति आधारित राजनीति को खत्म करने का एक प्रयास है। वहीं दूसरी तरफ इसके ऐलान की टाइमिंग को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। मालूम हो कि इसकी घोषणा जम्मू-कश्मीर के Pahalgam में हुए कायराना हमले के ठीक एक हफ्ते बाद 30 अप्रैल को की गई थी। इस दिन केंद्र सरकार ने देश में होने वाली जनगणना में जाति जनगणना को शामिल करने के फैसले लिए।

ध्यान दें कि यह फैसला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक के बाद लिया गया। वहीं विपक्ष का आरोप है कि पहलगाम आतंकी हमले पर कार्रवाई करना सरकार का कर्तव्य है, न कि अपने फैसलों की टाइमिंग के लिए कारण बताना। मालूम हो कि 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद मौजूदा हालात में युद्ध जैसे स्थिति बन रहे हैं। हालांकि Caste Census को लेकर केंद्र सरकार की बड़ी घोषणा और इसकी टाइमिंग ने कई सवालों को जरूर जन्म दिया है। इनमें से अधिकांश लोगों के सवालों को जोड़ दें तो इसमें मौजूदा हालात से ध्यान भटकाने की कोशिश आदि शामिल है।

जाति जनगणना कराने के फैसले के पीछे ये रही संभावित वजहें?

पहलगाम हमले के बाद से देश की नजर केंद्र की मोदी सरकार पर टिकी है। लोगों की निगाहें प्रधानमंत्री की उस बात पर टिकी हैं, जब पहलगाम हमले के दो दिन बाद 24 अप्रैल को बिहार के मधुबनी जिले में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के मौके पर PM Modi ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति का हवाला देते हुए पहली बार सार्वजनिक तौर पर हमलावरों को सख्त सजा देने का वादा किया।

इन सबके बीच राजनीतिक जानकारों के द्वारा जाति जनगणना कराने के फैसले के पीछे आगामी Bihar Elections तक प्रमुख तौर पर तीन संभावित वजहें बताई जा रही हैं। आइए इन तीन बड़ी वजहों पर नजर डालते हैं। 1. निम्न वर्ग के लोगों का सशक्तिकरण। 2. Caste Census के जरिए सामुदायिक उत्थान का लक्ष्य। 3. बिहार चुनाव से पहले जाति जनगणना का फैसला विपक्ष के चुनावी मुद्दों का हल निकालना हो सकता है। वहीं सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या वाकई बीजेपी Pahalgam Attack से ध्यान कम करने के लिए डायवर्जन की रणनीति अपना रही है? हालांकि, इस सवाल का जवाब अभी आना बाकी है।

ये भी पढ़ें: PSEB Class 10th 12th Result 2025: पंजाब बोर्ड कक्षा 10वीं और 12वीं रिजल्ट होंगे जारी! जिन छात्र को 33% अंक नहीं आए… वो करें ये काम, देखें

Exit mobile version