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Pralay Exercise On LAC: चीन से तनाव के बीच भारतीय वायुसेना का अभ्यास ‘प्रलय’, चीन बॉर्डर पर गरजेंगे सुखोई-राफेल

भारतीय वायुसेना पूर्वोत्तर भारत में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास अभ्यास 'प्रलय' करने जा रही है। संभावना जताई जा रही है कि इस अभ्यास में परिवहन और अन्य विमानों के साथ-साथ राफेल और सुखोई-30 लड़ाकू विमानों समेत कई फाइटर प्लेन शामिल होंगे।

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Pralay Exercise On LAC: चीन की घुसपैठ को रोकने के लिए भारतीय वायुसेना ने कमर कस ली है। बताया जा रहा है कि भारतीय वायुसेना पूर्वोत्तर भारत में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास अभ्यास ‘प्रलय’ करने जा रही है। वायुसेना से जुड़े सूत्रों की मानें तो पूर्वोत्तर के सभी प्रमुख हवाई ठिकानों पर इंडियन एयरफोर्स ‘प्रलय’ अभ्यास करेगी। संभावना जताई जा रही है कि इस अभ्यास में परिवहन और अन्य विमानों के साथ-साथ राफेल और सुखोई-30 लड़ाकू विमानों समेत कई फाइटर प्लेन शामिल होंगे। इस सबके बीच अभ्यास के मद्देनजर भारतीय वायु सेना द्वारा क्षेत्र में एस-400 एयर डिफेंस स्क्वाड्रन को तैनात किए जाने की ख़बर भी आ रही है।

भारतीय वायु सेना के लिए गेमचेंजर है एस-400

आपको बता दें कि एस-400 एयर डिफेंस स्क्वाड्रन मॉर्डन वारफेयर का सबसे उन्नत हथियारों में से हैं। विशेषज्ञों की मानें तो विभिन्न रेंज से लैस मिसाइलों की यह प्रणाली दुश्मन की बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों, लड़ाकू विमानों और 400 किलोमीटर तक की दूरी पर उड़ने वाले मानवरहित हवाई वाहनों का खात्मा कर सकती है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हाल ही में भारतीय वायुसेना ने सिक्किम और सिलीगुड़ी कॉरिडोर सेक्टर में निगरानी की अपनी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए ड्रोन के एक स्क्वॉड्रन को भेजा है। मालूम हो कि भारत के खेमे में शामिल इस रूसी वायु रक्षा प्रणाली से चीन और पाकिस्तान खौफ खाते हैं। कुल मिलाकर कहा जाए तो यह मॉर्डन वारफेयर का सबसे उन्नत एयर डिफेंस मिसाइल सिस्टम है, जो दुश्मन के किसी एयरक्राफ्ट को आसमान में ही आसानी से गिराने में सक्षम है।

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चीन से तनाव के बीच भारतीय वायुसेना की ‘प्रलय’

रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक भारतीय वायुसेना द्वारा की जा रही यह हाल के महीनों में कमांड-लेवल की यह दूसरी अभ्यास है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 1 से 5 फरवरी तक भारतीय वायुसेना पूर्वोत्तर भारत में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास अभ्यास ‘प्रलय’ करने जा रही है। इस अभ्यास में पूर्वोत्तर के सभी प्रमुख हवाई अड्डों और एयरफोर्स स्टेशनों को शामिल किया जाएगा। मालूम हो कि इससे पहले अरुणाचल प्रदेश के तवांग के यांग्त्से में भारत और चीन के बीच हुई झड़प के बाद बीते साल नौ दिसंबर को भारतीय वायुसेना ने पूर्वोत्तर में दो दिनों का अभ्यास किया था। बहरहाल, सूत्रों से जो ख़बर सामने आ रही है उसके अनुसार अगले महीने होने वाला वायुसेना का यह अभ्यास बड़े स्तर पर होगा।

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