PM Modi US Visit: भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय यात्रा पर अमेरिका में हैं। गुरुवार को वह वाशिंगटन डीसी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे। वह भी ऐसे समय में जब अमेरिका-भारत संबंध हर दिन मजबूत हो रहे हैं।
यह सच है कि अमेरिका भारत को चीन के खिलाफ संतुलन बनाने में मददगार के तौर पर देख रहा है। दोनों देश इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में साझा लक्ष्यों को पूरा करने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। देश और दुनिया की निगाहें कल व्हाइट हाउस में होने वाली बैठक पर टिकी हैं।
वहीं दोनों देशों के पास मौजूदा समय में द्विपक्षीय संबंधों को गति देने का मजबूत आधार है। हालांकि India के लिए यह कई चुनौतियों से भरा है। इसके बाद भी अमेरिका को भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के प्रयास जारी रखने चाहिए।
मालूम हो कि अमेरिकी चुनाव के बाद भारतीय विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर दो बार अमेरिका की यात्रा पर गए हैं। इस यात्रा के दौरान जयशंकर की तस्वीर ने भारत के पड़ोसी देशों की नींद उड़ा दी थी। तस्वीर में साफ देखा गया कि, ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान भारतीय विदेश मंत्री पहली पंक्ति में बैठे थे।
इससे भारत की अहमियत का पता चलता है। Pakistan हो या चीन, वे हर दिन भारत के खिलाफ साजिश रचते रहे हैं। वहीं, US हो या दुनिया के सबसे ताकतवर देशों में गिने जाने वाले दूसरे देश, वे भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने की दिशा में काम करते रहे हैं।
पीएम मोदी ट्रंप से उनके दूसरे कार्यकाल में मुलाकात करने वाले विश्व नेताओं की सूची में पहले व्यक्ति बन गए हैं। Washington DC में होने वाली बैठक में दोनों नेताओं के सामने कई चुनौतियां हैं, जिन्हें वे दोस्ताना तरीके से मिलकर सुलझाना चाहेंगे।
इनमें भारत और अमेरिका के लिए भारी सीमा शुल्क से बचना, दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों को आगे बढ़ाना, रक्षा सौदों की दिशा में आगे बढ़ना शामिल है। इसके अलावा भारत और America द्विपक्षीय आव्रजन नीति में आगे बढ़ने के लिए सरल दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत पर भी विचार कर रहे हैं।
दोनों नेताओं से ये हैं बड़ी उम्मीदें
इसमें कोई संदेह नहीं है कि गुरुवार को जब दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व मिलेंगे तो व्यापार पर अधिक चर्चा होगी। क्योंकि हाल के दिनों में भारत और अमेरिका के बीच कई बातों को लेकर काफी अनबन रही है। इनमें आयात पर टैरिफ आदि का मुद्दा भी शामिल है। अटलांटिक काउंसिल की वेबसाइट पर प्रकाशित लेख के मुताबिक, भारत का अमेरिका के साथ 45.6 बिलियन डॉलर का व्यापार अधिशेष है।
इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump भारत पर ऊंचे आयात शुल्क को लेकर नाराज दिखे थे। जिसमें ट्रंप ने भारत को “टैरिफ किंग” का दर्जा दिया था। हालांकि ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में भारत के साथ व्यापार समझौता करने की मांग की थी।
लेकिन उस समय ऐसा नहीं हो सका था। कुछ दिनों बाद उनका कार्यकाल समाप्त हो गया। इसके बाद Biden प्रशासन ने इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इसलिए ट्रंप की प्लानिंग धरी की धरी रह गई।
इसलिए अब सही समय है कि जब कल गुरुवार को दोनों नेता मिलेंगे तो पुरानी प्लानिंग को हकीकत में बदलने की दिशा में कदम आगे बढ़ाएंगे। यह कहना भी सही है कि दोनों देशों के नेताओं ने एक दूसरे से मिलने से पहले ही बैठक का मसौदा तैयार कर लिया है।
PM Modi की अमेरिका यात्रा से पहले ही भारत ने अपने 2025 के आम बजट में कई ठोस फैसले लिए हैं। जिसे संरक्षणवादी संकेत भेजने की दिशा में देखा जा रहा है। इनमें Custom Duty में कटौती आदि शामिल हैं।
इसके अलावा हाल के दिनों में ट्रंप द्वारा लिए गए फैसलों का मुकाबला करने के लिए भारत की अपनी रणनीति है। वहीं ट्रंप को भी भारत से कई उम्मीदें हैं। इनमें अमेरिका के लिए उनकी इच्छानुसार सीमा शुल्क में रियायत की मांग भी शामिल है।
हालांकि यह देखना दिलचस्प होगा कि जब दोनों देशों के नेता एक साथ मंच पर होंगे तो किन मुद्दों पर चर्चा होगी और किन पर सहमति बनेगी। जब दोनों देशों के नेता बातचीत करेंगे तो भारत अमेरिका के साथ रक्षा क्षेत्र में कोई बड़ी डील करना चाहेगा।
Trump भी यह चाहते हैं कि भारत उनसे और ज़्यादा अमेरिकी सैन्य हार्डवेयर खरीदे। खुद अमेरिकी राष्ट्रपति ने PM Modi के साथ हाल ही में हुई बातचीत में यह इच्छा जताई है। इसके अलावा ट्रंप चाहते रहे हैं कि, भारत अमेरिका से सैन्य उपकरण खरीदे ताकि वह अमेरिका के साथ अपने व्यापार अधिशेष की भरपाई कर सके।
अवैध आव्रजन पर हो सकती है चर्चा
हाल के दिनों में अमेरिका से अवैध अप्रवासियों को भारत भेजा गया है। वहीं मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो अभी भी सैकड़ों लोगों को अमेरिका से भारत भेजने की तैयारी की जा रही है। ये वो लोग होंगे जो अमेरिका में अवैध तरीके से रह रहे हैं।
बताया जाता है कि दोनों देशों की तरफ से अब तक करीब 18 हजार भारतीय नागरिकों की पहचान की गई है। जो बिना किसी कानूनी इजाजत के अमेरिका में रह रहे हैं। 27 जनवरी को दोनों नेताओं के बीच इसको लेकर चर्चा भी हुई थी।
ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि दोनों नेता अवैध Immigration पर कुछ ठोस फैसला लेंगे। इसमें एच1-बी वर्क वीजा पर भी चर्चा शामिल हो सकती है। जिसे पेशेवर भारतीय नागरिकों ने हासिल किया है। अगर दोनों नेताओं के बीच इन मुद्दों पर बातचीत सफल होती है तो ये भारत और अमेरिका की बड़ी जीत होगी।
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