Monday, May 19, 2025
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‘दिल में उठा है दर्द… शिकन है जबीन पर’, Pulwama Attack पर जब देश रोया था, सूनी पड़ गईं थी 40 मां की आंचल, 6 साल बाद भी नहीं भूला देश

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Pulwama Attack: 14 फरवरी 2019 भारतीय इतिहास की एक ऐसी तारीख है जिसे देश कभी नहीं भूल सकता। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में एक ऐसा आतंकी हमला हुआ जिसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। उस दिन दोपहर करीब 3 बजे पाकिस्तानी जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार ने अवंतीपोरा के गोरीपोरा के पास केंद्रीय रिजर्व सुरक्षा बल के काफिले पर हमला किया। जिसके बाद एक जोरदार धमाका हुआ और इस हमले में 40 जवान देश के लिए शहीद हो गए। Pulwama Attack का दर्द और पीड़ा आज भी लोगों के जेहन में ताजा है।

हिन्दी कलमकार इरफ़ान आब्दी मांटवी की कविता ‘हिंदुस्तान के शहीदों के नाम’ की कुछ पंक्तियां याद आ रही हैं। वे कहते हैं कि आंसू छलक के आंख से टपके ज़मीन पर, दिल में उठा है दर्द, शिकन है जबीन पर। इरफान की एक और कविता की लाइन है कि वीर सैनिकों की शहादत पर सारी आंखें नम हैं, आपकी कुर्बानियों की बदौलत जी रहे सब हम हैं। CRPF की वीर गाथा पूरी दुनिया में जानी जाती है। वहीं, आतंकी संगठनों को पनाह देने वाला पाकिस्तान अपनी कायरता के लिए किसी परिचय का मोहताज नहीं है।

पुलवामा आंतकी हमले के दिन

आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर-NH से होते हुए सीआरपीएफ का काफिला जम्मू से श्रीनगर जा रहा था। इसी दौरान अवंतीपोरा के गोरीपोरा के पास एक गाड़ी काफिले में शामिल बसों के ठीक बगल से गुजर रही थी। सेना के जवान बार-बार कार सवार को काफिले से दूर जाने के लिए कह रहे थे। लेकिन कार सवार ने इस बात को अनसुना कर दिया और इससे पहले कि भारतीय जवान कुछ समझ पाते, कार ने काफिले में शामिल एक बस को टक्कर मार दी। टक्कर लगते ही जोरदार धमाका हुआ। जिससे CRPF की बस के परखच्चे उड़ गए। धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि दूर-दूर तक सुनाई दी। हवा में चारों तरफ धुआं फैल गया और जमीन पर मलबा।

काफिले में 78 बसें चल रही थीं

मालूम हो कि Pulwama Attack के दिन जम्मू से श्रीनगर जा रहे सीआरपीएफ के काफिले में 78 बसें शामिल थीं। बताया गया कि इनमें करीब 2500 सीआरपीएफ जवान सवार थे। हमले के तुरंत बाद घायल जवानों को नजदीकी आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इन बसों में कई सुरक्षाबलों के शहीद होने की खबर आई थी। Pakistan की इस कायराना हरकत से भारत समेत पूरी दुनिया में गुस्सा फैल गया था। शहीद जवानों के पार्थिव शरीर को वायुसेना के विशेष विमान से देश की राजधानी दिल्ली लाया गया। पालम एयरबेस पर देश के आला अधिकारियों ने उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि दीं।

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Rupesh Ranjan
Rupesh Ranjanhttp://www.dnpindiahindi.in
Rupesh Ranjan is an Indian journalist. These days he is working as a Independent journalist. He has worked as a sub-editor in News Nation. Apart from this, he has experience of working in many national news channels.

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