Uddhav Thackeray: मुंबई महानगरपालिका चुनाव को लेकर महाराष्ट्र में राजनीतिक सरगर्मी जोरों पर है। सभी पार्टियां नए समीकरण बनाने में जुटी नजर आ रही हैं। इन सबके बीच महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) प्रमुख Raj Thackeray और शिवसेना (UBT) प्रमुख Uddhav Thackeray के अलग-अलग बयानों ने राज्य की राजनीति में हलचल बढ़ा दी है। इसके चलते अब दिल्ली की निगाहें सीधे मुंबई पर टिकी हैं। राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे ने शनिवार को अलग-अलग कहा कि वे महाराष्ट्र और मराठी लोगों के हित में अपने मतभेद भुलाकर साथ आने को तैयार हैं।
क्या Raj Thackeray और Uddhav Thackeray एक साथ आने को तैयार हैं?
आपको बता दें कि फिल्म निर्देशक महेश मांजरेकर के साथ पॉडकास्ट में राज ठाकरे ने अपने चचेरे भाई और शिवसेना यूबीटी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के बारे में कहा कि मेरे उनसे राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन अगर Maharashtra के हित के लिए हमें एकजुट होना पड़े तो मैं उसके लिए तैयार हूं।
वहीं, अपनी पार्टी की ट्रेड यूनियन विंग भारतीय कामगार सेना के एक कार्यक्रम में बोलते हुए Uddhav Thackeray ने कहा कि वह मराठी भाषा और महाराष्ट्र के लिए विवादों को भी दरकिनार करने के लिए तैयार हैं। हालांकि उन्होंने शर्त रखी कि ऐसी स्थिति में उन्हें यानी Raj Thackeray को महाराष्ट्र विरोधियों के साथ नहीं जुड़ना चाहिए और न ही ऐसी पार्टियों के लिए काम करना चाहिए।
जानकारी हो कि मांजरेकर के इस सवाल के जवाब में कि क्या दोनों ठाकरे भाई साथ आएंगे, Raj Thackeray ने कहा, “मेरे लिए महाराष्ट्र का हित सबसे बड़ा है और बाकी सब उससे पहले आता है। इसके लिए मैं छोटे-मोटे विवादों को किनारे रख सकता हूं और Uddhav Thackeray के साथ काम करने के लिए तैयार हूं। बस सवाल यह है कि क्या वह इसके लिए तैयार हैं।”
BMC Election से पहले क्या यह महायुति के लिए सिरदर्द बनेगा?
मालूम हो कि मुंबई में 228 वार्ड हैं। 2017 के चुनाव की बात करें तो शिवसेना 96, बीजेपी 82, कांग्रेस 29, NCP 8, सपा 6, AIMIM 2 और मनसे 1 सीट जीतने में सफल रही थी। 2017 के मुकाबले इस बार महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा बदलाव हुआ है। फिलहाल Shiv Sena और एनसीपी के बीच दरार देखने को मिल रही है।
ऐसे में अगर MNS प्रमुख राज ठाकरे और शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे एक साथ आते हैं तो मुंबई महानगरपालिका चुनाव BMC Election महायुति के लिए बड़ी चुनौती होगी। इतना ही नहीं कई सीटों पर कड़ी टक्कर होने की वजह से नतीजे चौंकाने वाले भी हो सकते हैं। हालांकि अब देखना यह है कि सालों से अलग-अलग काम कर रहे राजनीतिक परिवारों के दो ठाकरे भाई Uddhav Thackeray And Raj Thackeray आधिकारिक तौर पर कब एक साथ मिलते हैं और दोनों नेताओं को अपने मिशन में इसका कितना फायदा मिलता है।
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