UN Bangladesh Report: पिछले साल बांग्लादेश में हुए हिंसक छात्र आंदोलन के दौरान अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार किए गए थे। भारत समेत दुनिया के कई देशों ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के खिलाफ आवाज उठाई थी।
हालांकि, वहां की आधिकारिक टिप्पणियां इन मामलों पर कोई प्रतिक्रिया देने से बचती रही हैं। वे बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार से इनकार करते रहे हैं। कुछ मामलों में अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार कार्रवाई करने के बजाय मूकदर्शक बने रहे।
हिंदुओं के खिलाफ हिंसा पर UN Bangladesh Report
बांग्लादेश में Hindu मठ मंदिरों के पुजारियों के साथ अमानवीय व्यवहार जगजाहिर रहा है। इनमें ISKCON Temple के मुख्य पुजारी स्वामी चिन्मय कृष्णदास की गिरफ्तारी को दुनिया भर में कायरतापूर्ण और अलोकतांत्रिक घटना के रूप में देखा गया है।
जिसे लेकर बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस सवालों के कटघरे में दुनिया से छिप रहे हैं। वहीं, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की एक खोजी तथ्यान्वेषी रिपोर्ट ने Sheikh Hasina के कार्यकाल के बाद मौजूदा सरकार की पोल खोल दी है।

UN Bangladesh Report में साफ तौर पर कहा गया है कि बांग्लादेश में हिंदुओं, उनके मंदिरों और कारोबार पर अत्याचार की सारी हदें पार कर दी गईं। जानकारी हो कि यह रिपोर्ट मोहम्मद यूनुस वाली अंतरिम सरकार के आमंत्रण पर तैयार की गई है। जिसमें आंदोलन के दौरान लक्षित भीड़ के हमलों और आगजनी की घटनाओं का ब्योरा दिया गया है।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार
बता दें कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना को बांग्लादेश में हिंसक विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ा था। इसके बाद उन्होंने 5 अगस्त 2024 को बांग्लादेश छोड़ दिया था। जिसके बाद देश की 17 करोड़ की आबादी में करीब 8 फीसदी हिस्सेदारी रखने वाले हिंदुओं को जानलेवा हमलों का शिकार होना पड़ा था।
हालात इतने भयावह थे कि दंगाइयों ने हिंदुओं के घरों, कारोबार और धार्मिक स्थलों में तोड़फोड़ की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, Bangladesh में शेख हसीना का शासन खत्म होने के करीब तीन दिनों के दौरान 200 से ज्यादा अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार किया गया। इनमें पांच से ज्यादा लोगों की हत्या भी शामिल है।
मालूम हो कि भारत और अमेरिका ने बांग्लादेश की भयावह स्थिति पर कड़ा विरोध जताया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों की कड़ी आलोचना की थी। तब भी Muhammad Yunus ने इसे राजनीतिक उद्देश्यों की पूर्ति के लिए “अतिशयोक्तिपूर्ण प्रचार” बताया था।
आपको बता दें कि जिनेवा स्थित UN Human Rights कार्यालय की रिपोर्ट ने पिछले साल बांग्लादेश में अवामी लीग सरकार के खिलाफ भड़के छात्र आंदोलन के खिलाफ कार्रवाई में 1400 लोगों की मौत की पुष्टि की है। इसके अलावा यह भी कहा गया है कि पिछले साल एक जुलाई से 15 अगस्त के बीच हुए प्रदर्शनों के दौरान हजारों लोग घायल हुए थे।