Fatty Liver: मेनोपॉज से हर महिला को गुजरना पड़ता है और इस दौरान उनकी लाइफस्टाइल में काफी बदलाव देखने को मिलते हैं। दरअसल एस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर कम हो जाता है। इसके अलावा डॉक्टर की माने तो Menopause आपकी लिवर को भी खतरे में डाल सकती है। अगर आप इसे नजरअंदाज करने की गलती कर रहे हैं तो आप गलत है क्योंकि मेनोपॉज के बाद महिलाओं में Fatty Liver की समस्या काफी हद तक देखा गया है। आइए जानते हैं क्या कहते हैं इसके बारे में एक्सपर्ट।
जहां एक तरफ शरीर के हार्मोन बदलाव शुरू होने के बाद पीरियड्स बंद हो जाते हैं और ऐसे में कई महिलाओं को फैटी लिवर जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है।
महिलाओं के Menopause और Fatty Liver का कनेक्शन
एक्सपर्ट drquailenp ने इंस्टाग्राम से जारी वीडियो में बताया कि फैटी लिवर 2 तरह होती है। जहां NAFLD (Non Alcoholic Fatty Liver Disease) में लिवर को कोई नुकसान नहीं पहुंचता और इसमें फैट्स जमा हो जाती है लेकिन NASH (Nonalcoholic Steatohepatitis) बहुत ही ज्यादा गंभीर है। यह तब होता है जब फैट्स और सूजन लिवर को नुकसान पहुंचाती है और यह लिवर फेलियर या कैंसर की वजह बन सकती है। NAFLD वाले 15% लोगों में NASH का खतरा हो सकता है।
Menopause के दौरान महिलाओं में Fatty Liver का क्यों होता खतरा
महिलाओं में फैटी लिवर के खतरे की बात करें तो दोनों के बीच कनेक्शन है। दरअसल एस्ट्रोजन लिवर की सुरक्षा करता है लेकिन जब मेनोपॉज के दौरान वह कम होने लगता है तब वह सुरक्षा है जाती है। इसकी वजह से फैटी लीवर का जोखिम बढ़ जाता है। ऐसे में बढ़ती उम्र और Menopause के बाद महिलाओं को फैटी लीवर की समस्या देखने को मिलती है।
कैसे मेनोपॉज के बाद महिलाएं Fatty Liver से हो सकती है सुरक्षित
मेनोपॉज के बाद की महिलाएं जो फैटी लिवर से पीड़ित है तो उन्हें ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है क्योंकि आप अपनी सुरक्षा MHT यानी Menopause हार्मोन थेरेपी के जरिए कर सकती है। स्टडी में यह पता चला कि NAFLD वाली महिलाओं में लिवर के स्वास्थ्य में इसके जरिए सुधार हो सकता है। इसके साथ ही टाइप 2 डायबिटीज को रोकने में मदद करता है जो Fatty Liver में एक बहुत बड़ा जोखिम है।