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Premanand Maharaj: शारीरिक उत्पीड़न का शिकार हुई लड़कियां सुनें गुरु प्रेमानंद की बताई तरकीब, समस्याओं से झटपट मिलेगी राहत

Premanand Maharaj ने ऐसी लड़कियों के लिए खास सुझाव दिया है जो अपने घर या कार्यक्षेत्र में शारीरिक उत्पीड़न का शिकार हो जाती हैं। गुरु प्रेमानंद ने ऐसी लड़कियों के लिए खास तरकीब बताई है जिसकी मदद से विषय परिस्थिति से पार पाया जा सकता है और साथ ही समस्या का निपटारा किया जा सकता है।

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Premanand Maharaj
Picture Credit: गूगल (सांकेतिक तस्वीर)

Premanand Maharaj: लड़कियों के समक्ष आने वाली तमाम परेशानियों में शारीरिक उत्पीड़न से जुड़ी परेशानी भी प्रमुख है। ऐसी ही एक युवती अपनी दर्द भरी व्यथा और सवाल लिए गुरु प्रेमानंद महाराज के दरबार में पहुंच गई। लड़की का सवाल था कि यदि कोई छेड़छाड़ या शारीरिक उत्पीड़न का शिकार कार्यक्षेत्र या घर पर हुई हो और न दोषी को माफ कर सकती और न ही आगे बढ़ पा रही तो क्या किया जाना चाहिए? Premanand Maharaj ने बड़े सहजता के साथ लड़की से सवाल का जवाब दिया। उन्होंने बताया है कि लड़कियां कैसे इस समस्या से निपटारा पाकर जीवन में आगे बढ़ सकती हैं।

शारीरिक उत्पीड़न का शिकार हुई लड़कियों के लिए Premanand Maharaj का खास संदेश

गुरु प्रेमानंद महाराज कहते हैं कि “सभी माताओं बहनों से हम कहते हैं कि यह एक ऐसा चैप्टर है जिसमें हमें क्षमा नहीं करना चाहिए। अगर भूल आपको दिखाई दे रही और आरोपी सुधरने लायक है, तो क्षमा कर देना चाहिए। वो सब कुछ आंखों से दिखाई देता है अगर यह पता चले कि चाहे वो पिता हो, रिश्तेदार हो या टीचर, या नौकरी में हमारा सहकर्मी। अगर इनके द्वारा बार-बार प्रताड़ित किया जाता है तो हमें रिपोर्ट कर देनी चाहिए और सरकारी सहयोग लेकर उसे दंडित करना चाहिए। यदि आरोपी गाड़ी या मोटरसाइकिल से है तो, उसका वाहन नंबर बहुत दिमाग में नोट करें और विनय से काम लेते हुए उसकी रिपोर्ट करें।” Premanand Maharaj इन मामलों में पूरी तरह से कानूनी कार्रवाई के पक्ष में हैं ताकि आरोपी को सजा मिल सके।

प्रेमानंद महाराज ने धैर्य से काम करने का दिया सुझाव

औचक एक्शन लेने या पलटवार की योजना बनाने पर दांव उल्टा पड़ सकता है। ऐसे में यदि कोई लड़की शारीरिक उत्पीड़न की मार झेल रही, तो उसे धैर्य से काम करना चाहिए। Premanand Maharaj कहते हैं कि “ऐसी किसी भी विषम परिस्थिति में हाथ-पैर जोड़कर घटनास्थल से निकलने का प्रयत्न करें। अपने प्राण बचाएं, ताकि बाद में आरोपी को दंड दिया जा सके। भगवान से प्रार्थना करनी चाहिए कि आपको विपदा से निपटारा मिले और जहां तक हो सके अपने को बचावें।”

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