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रिश्वतखोरी करने वालों को Premanand Maharaj ने दिखाया आईना! कह दी ऐसी बात कि सुनते ही सन्न हो जाएगा दिमाग; Video

गुरु Premanand Maharaj ने उन तमाम लोगों के नाम खास संदेश जारी किया है जो रिश्वतखोरी के सहारे चमक-धमक भरी दुनिया का हिस्सा बनने की ललक रखते हैं।

Premanand Maharaj
Picture Credit: गूगल (सांकेतिक तस्वीर)

Premanand Maharaj: दर्शन से जुड़ी तमाम बातें करने वाले गुरु प्रेमानंद महाराज ने अब घूसखोरों को निशाने पर लिया है। प्रेमानंद महाराज ने उन तमाम लोगों को आईना दिखाया है जो तनिक लाभ के लिए रिश्वतखोरी जैसे कांड को अंजाम देते हैं। गुरु प्रेमानंद ने साफ तौर पर कहा है कि घूस का धन बेईमानी है जो अधर्म के समान है। Premanand Maharaj ने बड़े तार्किक तौर पर बताया है कि कैसे घूसखोरी लोगों के लिए नुकसानदेह साबित होती है। गुरु प्रेमानंद द्वारा दिए गए तर्क इतने गंभीर हैं कि उन्हें सुनकर लोगों का दिमाग एक पल को सन्न हो सकता है। प्रेमानंद महाराज के भाषण से जुड़ा वीडियो ‘भजन मार्ग‘ के यूट्यूब चैनल से जारी किया गया है जिसे लाखों लोग देख चुके हैं।

गुरु Premanand Maharaj ने रिश्वतखोरी करने वालों को दिखाया आईना!

भजन मार्ग के यूट्यूब चैनल से जारी शॉर्ट वीडियो में गुरु प्रेमानंद महाराज रिश्वतखोरी करने वालों को आईना दिखा रहे हैं। प्रेमानंद महाराज का कहना है कि “जो बेईमानी का धन है वो अधर्म का धन है। ये लेने में अच्छा लगता है। लेकिन हृदय और परिवार दो पर ये फर्क डालता है। आप अपने वेतन से क्यों नहीं अपने परिवार का पोषण करते? वेतन से अधिक हमें जरूरत नहीं। मोटरसाइकिल से नहीं चल पाओगे तो साइकिल से तो चल लोगे ना। उससे शरीर स्वस्थ रहेगा और हराम की मोटरसाइकिल लोगे तो एक्सीडेंट हो जाएगा। यह अधर्म का पैसा हमको कहीं ना कहीं जाकर के ऐसा भिड़ा देता है जहां हम दुखी हो जाते हैं।”

लोगों से गुरु प्रेमानंद महाराज की खास अपील!

गुरु Premanand Maharaj ने उन तमाम लोगों से खास अपील की है जो रिश्वतखोरी के सहारे चमक-धमक वाला जीवन चाहते हैं। उनका कहना है कि “बेईमानी अधर्म का नहीं, बल्कि ईमानदारी के पैसे से चलो। इससे सुख और शांति से रहोगे। दूसरों को देखते हैं तो लगता है कि इसका तो घर है चार गाड़ियां हैं हमारी भी जिंदगी ऐसी होगी। हम धर्म से चलते हैं चाहें हमको जैसी भी परिस्थिति हो। हम दूसरों से होड़ नहीं मिलाएंगे तो दूसरों को नष्ट होते हुए भी तो देखते हो। उधर बुद्धि क्यों नहीं लगाते दूसर जो जो नष्ट हो रहे हैं उन पर भी बुद्धि लगाइए। कितने दुर्घटनाएं हो रही हैं जो अधर्म का फल हैं। हमें धर्म मार्ग पर चलना चाहिए ताकि सुरक्षित रहें और दूसरों को कभी दुख ना दें तो हमें दुख नहीं मिलेगा।”

प्रेमानंद महाराज की ये बातें दिमाग की बत्ती जलाने वाली हैं और यदि हम सोचें तो दिमाग पर इसका गहरा असर पड़ सकता है।

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