Premanand Maharaj: परिस्थितियां कभी-कभी लोगों का ऐसा इम्तिहान लेती हैं कि वो क्या करे और क्या न करे इसका निर्णय लेना कठिन हो जाता है। ऐसी ही परिस्थितियों के मारे कुछ लोग गुरु प्रेमानंद महाराज के दरबार में पहुंचते हैं। उनके मन में होते हैं कई सवाल जिनका जवाब जानना उनकी प्राथमिकता होती है। ऐसा ही एक शख्स Premanand Maharaj के दरबार में अपना सवाल लिए पहुंचा। शख्स ने अपने मन की पीड़ा बताते हुए पूछा कि उसके पिता, उसकी मां के साथ अभद्रता करते हैं। ऐसी स्थिति में वो क्या करे। मां और पिता की सेवा करना उसका धर्म है, लेकिन यहां स्थिति उसे परेशान कर रही है। गुरु प्रेमानंद महाराज ने बेहद ही तार्किक अंदाज में जवाब देते हुए युवक को रामबाड़ नुस्खा सुझाया जिसके बारे में हम आपको बताएंगे।
माता के साथ अभद्र व्यवहार करते हैं पिता तो क्या करें संतान? Premanand Maharaj ने बताया उपाय
गुरु प्रेमानंद महाराज का कहना है कि “ऐसी स्थिति में आप पिता के प्रति सख्त रहो। कह दो कि वे सन्यास ले लें। वो यदि जवान-जवान लड़कों की मां को मारते हैं या गंदी-गंदी गालियां देते हुए अभद्रता करते हैं, तो ये अपराध है। यदि आपकी पत्नी है तो आप थोड़ा दो-चार शब्द कड़वे बोल दीजिए, लेकिन ऐसे थोड़ी पशु की तरह कोई मार सकता है। ऐसी स्थिति में संतान को अच्छे से जवाब दे देना चाहिए। हम इस बात में बिल्कुल पक्ष में है। आपकी मां प्रथम और पिता द्वितीय गुरु हैं। आप माता के पक्ष में रहो और उसको दुलार करते रहो।”
पिता के साथ कैसा व्यवहार करें पुत्र?
Premanand Maharaj का कहना है कि “जब पिताजी अस्वस्थ हो जाएं, किसी सेवा लायक ना रहे तो उनकी खूब सेवा करो। लेकिन यदि वे डंडा चलाते हैं या डंडा चलाने की क्षमता रखते हैं तो उन्हें घर से बाहर ही रखो, ताकि वो आपकी माता को न पीट सकें। ऐसा करना पुत्र धर्म है। माता की रक्षा सर्वोपरी है और इसका ख्याल रखना आपका कर्तव्य है।”