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Sperm Race: अद्भुत! एक ऐसी दुनिया जहां दौड़ में शामिल होंगे मेल स्पर्म, मकसद जान चौंधिया जाएंगी आंखें

अनोखे अंदाज में 25 अप्रैल को Sperm Race का आयोजन है जो कि Los Angeles में संपन्न होगा। इस स्पर्म रेस का मकसद मर्दों को उनकी सेहत के बारे में जागरुक करना है। इस अद्भुत स्पर्म रेस को लेकर खूब सुर्खियां बन रही हैं और दुनिया में तमाम ऐसे लोग हैं जिनकी निगाहें 25 अप्रैल का इंतजार बेसब्री से कर रही हैं।

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Sperm Race
Picture Credit: गूगल (सांकेतिक तस्वीर)

Sperm Race: कुर्सी की पेटी बांध लीजिए क्योंकि एक ऐसी रेस होने जा रही है जिसे देख आंखें चौंधिया सकती हैं। रेस ट्रैक पर धावकों को दौड़ते तो सभी ने देखा होगा, पर अमेरिका के Los Angeles में मेल स्पर्म की दौड़ होगी। इस स्पर्म रेस का मकसद मर्दों की गिरती फर्टिलिटी पर फुल ऑन फोकस करना है। यहां बात सेहत, स्टाइल और साइंस की होगी और मर्दों को इससे जुड़े तमाम पहलुओं पर जागरुक किया जाएगा। Sperm Race में असली शुक्राणु शामिल होंगे जो 20 सेंटीमीटर लंबे माइक्रो ट्रैक पर भागेंगे। इस ट्रैक को महिला प्रजनन प्रणाली की तरह डिजाइन किया गया है, ताकि स्पर्म दौड़ लगाकर फिनिश लाइन को पार करे। 25 अप्रैल को लॉस एंजिलस में होने वाली इस स्पर्म रेस पर दुनिया की नजरें टिकी हैं और इस अद्भुत प्रतियोगिता पर को देखने के लिए दर्शकों के बीच गजब का उत्साह है।

अमेरिका के Los Angeles में होगी अद्भुत Sperm Race

इसको लेकर तमाम तरह की खबरें चल रही है। न्यू यॉर्क पोस्ट ने स्पर्म रेस से जुड़े डिटेल साझा किए हैं। रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि दुनिया भर में शुक्राणुओं की संख्या 50 वर्षों से कम समय में 62 फीसदी तक घट गई है। ऐसे में पुरुषों को इसके बारे में जागरुक करना और समझाना बेहद जरूरी है। इसीलिए 25 अप्रैल को एक अद्भुत रेस ट्रैक पर Sperm Race का आयोजन किया जाना है। महिला प्रजनन प्रणाली की तरह डिजाइन किए गए ट्रैक पर शुक्राणु दौड़ लगाएंगे। जो स्पर्म पहले “फिनिश लाइन” पार करेगा, वही विनर घोषित होगा। ध्यान देने योग्य बात है कि स्पर्म्स की स्पीड लगभग 5 मिमी प्रति मिनट होती है। ऐसे में Los Angeles में होने वाली ये स्पर्म रेस या तो चंद सेकंड में भी खत्म हो सकती है, या फिर पूरे घंटे तक चल सकती है।

स्पर्म रेस का मकसद जान चौंधिया जाएंगी आंखें

कुछ ऐसे रिपोर्ट आते हैं जो आंख पर बंधी पट्टी को खोल सच सामने रखने का काम करते हैं। मेल स्पर्म को लेकर एक ऐसी ही रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक 1973 से 2018 के बीच पुरुषों में शुक्राणुओं की संख्या 50 फीसदी से ज़्यादा कम हो सिर्फ 49 मिलियन प्रति मि.ली. पर पहुंच गई है। ये आंकड़ा पहले 101 मिलियन हुआ करता था। इसका प्रमुख कार मोटापा, तनाव, निष्क्रिय जीवनशैली और जहरीले रसायनों से बने एक्सपोजर हैं। Sperm Race के कर्ताधर्ता एरिक झू का कहना है कि “एक दौर था जब स्पर्म सिर्फ लैब्स में माइक्रोस्कोप के नीचे देखे जाते थे। फिर आया विकी डोनर, जहाँ स्पर्म बना पर्दे का हीरो। और अब स्पर्म रेस, जहाँ वो पूरी दुनिया के सामने ट्रैक पर दौड़ेगा।” फिलहाल सभी को 25 अप्रैल का इंतजार है ताकि, इस अनोखे स्पर्म रेस का गवाह बन सके।

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