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Arvind Kejriwal पर हुए हमले के बाद आप और बीजेपी के बीच जुबानी जंग तेज; क्या दिल्ली विधानसभा चुनाव पर पड़ेगा असर? जानें डिटेल

Arvind Kejriwal: दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियां लगातार तैयारियां में लगी हुई है, वहीं आरोप प्रत्यारोप का दौर भी जारी है।

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Arvind Kejriwal
Arvind Kejriwal - फाइल फोटो

Arvind Kejriwal: दिल्ली में राजनीतिक माहौल पूरी तरह से गरमाया हुआ है। आरोप प्रत्यारोप का दौर भी जारी है। वहीं बीते दिन आप संयोजक के ऊपर हुए हमले को लेकर भी लगातार विवाद जारी है। आप पार्टी ने इसे पूर्ण रूप से राजनीति से प्रेरित बताया था। लेकिन यहां सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस घटना का असर दिल्ली विधानसभा चुनाव पर कितना पड़ेगा। इस घटना को लेकर आप और बीजेपी आमने सामने है।

कौन है Arvind Kejriwal पर हमले के पीछे?

नई दिल्ली में Arvind Kejriwal पर हुए हमला के बाद यह चुनाव का टर्निंग प्वाइंट साबित हो सकता है। चूंकि हमलावर केजरीवाल विरोधी प्रदर्शनकारी हैं तो हमला भी स्पष्ट है कि राजनीतिक मकसद के साथ है। यह राजनीतिक मकसद क्या हो सकता है? क्या यह अरविन्द केजरीवाल के विरोध में खड़े प्रत्याशियों में पैदा हो रही हताशा का नतीजा है? क्या केजरीवाल को हराने के लिए सारी जुगत फेल हो जाने का परिणाम है? फौरी तौर पर आम आदमी पार्टी की प्रतिक्रिया भी यही है।आप ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “केजरीवाल इस कायराना हमले से डरने वाले नहीं हैं। दिल्ली की जनता इसका करारा जवाब देगी।“

Arvind Kejriwal पर हुए हमले का जवाब दे गृह मंत्रालय

आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने केजरीवाल पर हमले का आरोप बीजेपी पर लगाया है। उन्होंने कहा है कि कुछ दिनों पहले गृहमंत्रालय जानकारी दी थी कि अरविन्द केजरीवाल की जान को खतरा है। लेकिन उसने यह नहीं बताया था कि किससे ख़तरा है। परवेश वर्मा ने भी घटना पर प्रतिक्रिया देकर आरोप जड़ने की कोशिश की है। बता दें कि पत्थर चलाने वाले प्रदर्शनकारियों की तस्वीर आम आदमी पार्टी एक्स पर पोस्ट किया है।

किस पार्टी को मिल सकता है फायदा?

बड़ा सवाल यह है कि नई दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल को हराने के लिए हमला कराने से किसे फायदा हो सकता है? फौरी तौर पर तो इससे विपक्षा पार्टी को नुकसान की संभावना ही नज़र आती है। मगर, इन दिनों राजनीति इतनी सपाट नहीं है जितनी दिखती है। यह बात भी महत्वपूर्ण है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ही अरविन्द केजरीवाल की सुरक्षा पर ख़तरे का अंदेशा जताया था। माना यह गया था कि यह हमला आतंकियों की ओर से किया जा सकता है।

मगर, जमीनी स्थिति यह है कि हमला आतंकी न होकर राजनीतिक है। जब आतंकी हमले का डर हो तो सुरक्षा क्या ऐसी रहेगी कि राजनीतिक कार्यकर्ता सड़क पर आकर गाड़ी रोकने लगे, पत्थरबाजी करने लगे? यह बड़ा सवाल है।

परवेश वर्मा पर आप ने दी प्रतिक्रिया

इस घटना के बाद से ही बीजेपी और आप आमने सामने आ गई है। ताजा घटना के बाद आप Arvind Kejriwal की सुरक्षा व्यवस्था तोड़ने का आरोप बीजेपी पर लगा रही है। वहीं आप का कहना है कि अरविन्द केजरीवाल पर पत्थरबाजी करके वास्तव में कोई राजनीतिक मकसद विरोधी दल हासिल नहीं कर पाएंगे। जो कुछ भी नैरेटिव बनाना उनका मकसद हो, लेकिन नकारात्मक राजनीति से विपक्षी पार्टियों को फायदा नहीं होगा।

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