Tej Pratap Yadav: बगावती रुख अपना चुके तेज प्रताप अब लगातार छोटे भाई तेजस्वी यादव के रास्ते कांटा बिछा रहे हैं। इस क्रम में तेज प्रताप यादव ने आज मौर्य होटल में आयोजित बैठक के दौरान 5 पार्टियों के साथ गठबंधन का ऐलान किया है। तेज प्रताप का ये कदम जहां एक ओर नीतीश कुमार के लिए संजीवनी बताया जा रहा है, तो वहीं तेजस्वी की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं।
राजद परिवार के सक्रिय सदस्य रहे Tej Pratap Yadav का बगावत करना जनता के बीच गलत संदेश भेज रहा है। NDA में शामिल बीजेपी, जेडीयू इसे मुद्दे बनाकर RJD को घेरने का काम करेगी। यदि तेज प्रताप नए गठबंधन के साथ चुनावी मैदान में उतरते हैं, तो राजद के कोर वोटर बैंक में सेंधमारी हो सकती है। इससे महागठबंधन का समीकरण बिगड़ सकता है जो नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए के लिए संजीवनी साबित होगा।
RJD से तनातनी के बीच Tej Pratap Yadav ने फूंक दिया बगावती बिगुल
पटना के मौर्य होटल में आज एक बैठक हुई है जिसने बिहार के सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है।
राजद से तनातनी के बीच तेज प्रताप यादव ने बड़ा ऐलान करते हुए 5 राजनीतिक दलों से गठबंधन का ऐलान किया है। इसमें संयुक्त किसान विकास पार्टी, विकास वंचित इंसान पार्टी (VVIP), भोजपुरिया जन मोर्चा (BJM), प्रगतिशील जनता पार्टी (PJB) और वाजिब अधिकार पार्टी (WAP) जैसे दल शामिल हैं। Tej Pratap Yadav सामाजिक न्याय, संपूर्ण बदलाव और सामाजिक हक की थीम के साथ चुनावी मैदान में उतर चुके हैं।
तेज प्रताप का साफ कहना है कि यदि उनके नेतृत्व वाले गठबंधन को बिहार में जीत मिली, तो वे लोहिया, कर्पूरी ठाकुर और जय प्रकाश नारायण के सपनों को पूरा कर संपूर्ण विकास करेंगे। NDA, महागठबंधन और जनसुराज पार्टी के बाद Tej Pratap Yadav के नेतृत्व वाले गठबंधन को एक विकल्प के रूप पेश किया जा रहा है, जो खास तौर पर तेजस्वी यादव के लिए झटका है।
बगावती सुर धारण कर तेजस्वी के रास्ते में कांटा बिछा रहे तेज प्रताप यादव
लालू परिवार के बाद पार्टी में भी फूट की खबरें धीरे-धीरे सार्वजनिक हो रही है। लालू यादव के बड़े सुपुत्र तेज प्रताप ने 5 छोटे-बड़े दलों के साथ गठबंधन का ऐलान कर राजद खेमे में खलबली मचाने का काम किया है। Tej Pratap Yadav का बगावती रुख धारण करना तेजस्वी यादव के रास्ते में कांटा साबित हो सकता है। तेज प्रताप जिस सीट से चुनावी मैदान में उतरने का ऐलान कर चुके हैं, वो महुआ की सीट यादव बहुल मानी जाती है। वहां फिलहाल राजद के विधायक हैं।
ऐसे में तेज प्रताप यादव का बगावती रुख अपनाना तेजस्वी यादव के लिए चुनौती साबित हो सकता है। निकट भविष्य में Tej Pratap Yadav के बगावती तेवर बढ़ने के आसार हैं जिससे राजद का कोर वोट बैंक उनसे जुड़ सकता है। ऐसी स्थिति में तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन को नुकसान हो सकता है और बदले समीकरण का सीधा लाभ नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले NDA को मिलने के आसार हैं। हालांकि, अभी सबकुछ कयासों के हवालों से कहा जा रहा है और परिणाम भविष्य के गर्भ में है।