CP Radhakrishnan: बीते दिन हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार CP Radhakrishnan ने भारी मतों से जीत हासिल की। बता दें कि उन्हें कुल 452 वोट मिले, वहीं उनके खिलाफ लड़ रहे इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले। अगले साल तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव होने है, जिसके देखते हुए बीजेपी की यह सोची समझी रणनीति मानी जा रही है। CP Radhakrishnan की जीत से यह तो साफ हो गया कि एनडीए की तरफ से किसी प्रकार की फूट नहीं है। वहीं इंडिया गठबंधन में 15 सांसदों ने क्रॉस वोटिंग की, जिसके बाद यह सवाल उठने लगा कि क्या इंडिया गठबंधन टूट की कगार पर है। साथ ही इस जीत से तमिलनाडु चुनाव पर कितना असर पड़ेगा।
कौन है CP Radhakrishnan?
बता दें कि CP Radhakrishnan तमिलनाडु में बीजेपी के दिग्गज नेताओं में से एक है। वह उन चुनिंदा नेताओं में से है, जिन्होंने लोकसभा चुनाव जीता। इसके अलावा वह 2003 से 2006 तक बीजेपी के राज्य अध्यक्ष भी रहे। इसके अलावा उनका आरएसएस से भी एक अच्छा खासा नाता रहा है। इसके अलावा उन्होंने भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारी समिति के सदस्य बने और संगठनात्मक कामकाज में अहम भूमिका निभाई। यानि यह साफ है कि सीपी राधाकृष्णन बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता है, और कहीं ना कहीं बीजेपी ने तमिलनाडु में आने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए यह दांव खेला।
सीपी राधाकृष्णन जीत से क्या तमिलनाडु में बीजेपी को होगा फायदा?
बता दें कि CP Radhakrishnan की जीत के बाद कई तरह के कयास लगाए जा रहे है। माना जा रहा है कि बीजेपी ने बहुत ही सोच समझ के राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया, यह है बता दिया कि अभी भी एनडीए एकजुट है। इसके अलावा 2026 में होने वाला तमिलनाडु विधानसभा को देखते हुए भी बीजेपी का ये मास्ट्रस्ट्रोक माना जा रहा है। मोदी के नेतृत्व में बीजेपी तमिलनाडु को सबसे बड़ी चुनौती मानती है, और इसके लिए उसने मतदाताओं को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। राजनीति पंडितों का मानना है कि सीपी राधाकृष्णन की जीत के बाद कहीं ना कहीं तमिलनाडु के समीकरण पर असर पड़ने की उम्मीद है। हांलाकि यह तो आने वाले समय ही बताएगा की एनडीए की इस जीत से तमिलनाडु के चुनाव पर कितना पड़ने वाला है।