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Jharkhand Politics: खतरे में JMM-कांग्रेस की सांठ-गांठ! क्या बीजेपी के साथ नई सरकार बना सकते हैं हेमंत सोरेन? बिहार के बाद झारखंड में संग्राम

Jharkhand Politics में उठा-पटक का दौर जारी है। इसका प्रमुख कारण है जेएमएम-कांग्रेस की गठबंधन वाली सरकार पर संकट के बादल मंडराना। कयास लगाए जा रहे हैं कि सीएम हेमंत सोरेन बीजेपी के साथ मिलकर झारखंड में नई संभावनाओं की तलाश कर रहे हैं।

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Picture Credit: गूगल (सांकेतिक तस्वीर)

Jharkhand Politics: रांची के सियासी गलियारों में एक नई चर्चा जोर पकड़ रही है जो कांग्रेस के माथे पर शिकन ला रही है। खबर है कि जेएमएम प्रमुख व सूबे के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नई दिल्ली में बीजेपी शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात की है। इस मुलाकात की अटकलों ने राज्य में जेएमएम-कांग्रेस गठबंधन की सांठ-गांठ को खतरे में डाल दिया है। दावा किया जा रहा है कि बिहार चुनाव में मिली करारी हार के बाद विपक्ष को झारखंड में भी झटका लग सकता है।

ये झटका राज्य में जेएमएम-बीजेपी की नई सरकार के रूप में संभावित है जिसको लेकर संग्राम छिड़ा है। कयास लगाए जा रहे हैं कि हेमंत सोरेन बीजेपी के साथ मिलकर नई सरकार बना सकते हैं। हालांकि, अभी इस दावे के संदर्भ में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं सामने आई है। राजनीति में संभावनाओं के खेल को देखते हुए इस दावे को लेकर चर्चा का दौर जारी है।

क्या बीजेपी के साथ नई सरकार बना सकते हैं हेमंत सोरेन?

इसको लेकर तमाम तरह की संभावना व्यक्त की जा रही है। झारखंड पॉलिटिक्स पर नजर रखने वालों की मानें तो जेएमएम प्रमुख हेमंत सोरेन ने नई दिल्ली में बीजेपी शीर्ष नेतृत्व के साथ मुलाकात की है। इस मुलाकात को लेकर सूबे में सियासी समीकरण बदलने का अपुष्ट दावा किया जा रहा है। नए समीकरण के मुताबिक जेएमएम अपने 34 विधायकों के साथ बीजेपी के 21, लोजपा के 1, आजसू के 1 और जेडीयू के 1 विधायक को साथ लेकर कुल 58 विधायकों के साथ राज्य में नई सरकार बना सकती है।

ऐसी स्थिति में कांग्रेस के कांग्रेस के 16 राजद के 4 और लेफ्ट के 2 विधायक विपक्ष की भूमिका में नजर आ सकते हैं। हालांकि, अभी इसको लेकर बीजेपी या झामुमो की ओर से किसी भी तरह की आधिकरिक जानकारी नहीं सामने आई है। ऐसे में सबकी नजरें उचित समय आने के इंतजार मे हैं ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।

बिहार के बाद क्या झारखंड में भी विपक्ष को लगेगा झटका?

इस सवाल का पुख्ता जवाब अभी भविष्य के गर्भ में है। दरअसल, झारखंड पॉलिटिक्स में उठा-पटक का दौर जारी है। यही वजह है कि ऐसे सवाल उठ रहे हैं। इससे पूर्व बिहार में विपक्ष के बीच ताल-मेल की कमी देखी गई थी। टिकट बंटवारे से लेकर प्रचार-प्रसार तक में विपक्ष का प्रदर्शन अपेक्षा के मुताबिक नहीं रहा था जिसके परिणामस्वरूप विधानसभा चुनाव 2025 में करारी हार मिली थी।

इसके ठीक बाद अब झारखंड में सियासी उठा-पटक का दौर शुरू है। यदि सीएम हेमंत सोरेन और बीजेपी आलाकमान के बीच मुलाकात की खबर सच है, तो निश्चित रूप से विपक्ष को मंथन करना पड़ेगा। झारखंड में नई सरकार बनेगी या नहीं, ये भविष्य का विषय है, लेकिन कांग्रेस-जेएमएम-राजद के बीच से खटपट की खबरें आना ही विपक्ष के लिए खतरे की घंटी है। यदि ऐसा हुआ तो निश्चित रूप से बिहार चुनाव हार के बाद ये विपक्ष के लिए जोरदार झटका माना जाएगा।

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