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Karnataka Assembly Session की कार्यवाही के बीच दर्जनों BJP विधायकों पर गिरी गाज! हनीट्रैप, Muslim Reservation के खिलाफ हंगामा पड़ा भारी

Karnataka Assembly Session की कार्यवाही के बीच 18 BJP विधायकों को 6 महीने के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। बीजेपी का आरोप है कि विधायक मुस्लिम आरक्षण और हनीट्रैप के खिलाफ विरोध कर रहे थे। इसी के कारण ऐसा कदम उठाया गया है।

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Karnataka Assembly Session
Picture Credit: सोशल मीडिया (BJP विधायकों को हाउस से बाहर निकालते मार्शल)

Karnataka Assembly Session: भारी गहमा-गहमी के बीत अंतत: बीजेपी के प्रदर्शनकारी विधायकों को अगले 6 महीने के लिए सदन से सस्पेंड कर दिया गया है। कर्नाटक एसेंबली सेशन की कार्यवाही आज हनीट्रैप और Muslim Reservation के खिलाफ जारी बहस की भेंट चढ़ गई है। BJP इस कार्यवाही को लोकतंत्र के खिलाफ बता रही है, तो वहीं कांग्रेस इसे न्यायसम्मत की गई कार्यवाही करार दे रही है। सोशल मीडिया पर भर-भरकर वीडियो और तस्वीर बाहर आ रहे हैं, जिनमें Karnataka Assembly Session के दौरान मार्शलों की करतूत देखी जा सकती है। कहा जा रहा है कि BJP MLAs को हनीट्रैप और मुस्लिम आरक्षण के खिलाफ हंगामा करना भारी पड़ा है।

Karnataka Assembly Session की कार्यवाही में बाधा डालने के आरोप

हाउस ने विधानसभा की कार्यवाही में बाधा डालने के लिए छह महीने के लिए BJP विधायकों के निलंबन का विधेयक पारित कर दिया। विधेयक को कर्नाटक के कानून और संसदीय मामलों के मंत्री एचके पाटिल ने पेश किया जिसे विधानसभा अध्यक्ष यूटी खादर ने पारित कर दिया। ऐसा होते ही कर्नाटक एसेंबली सेशन की कार्यवाही प्रभावित हुई और मार्शल एक-एक कर विधायकों को बाहर निकालने लगे। BJP विधायकों पर आरोप है कि Karnataka Assembly Session की कार्यवाही के दौरान उन्होंने न सिर्फ अध्यक्ष के आदेशों की अवहेलना की बल्कि अनुशासनहीन तथा अपमानजनक तरीके से व्यवहार भी किया। इसीलिए ये कदम उठाना पड़ा।

BJP विधायकों के सस्पेंशन के बाद तेज हुई राजनीति

बीजेपी विधायक जगदीश शेट्टार का कहना है कि “यह पूरी तरह से नियमों के खिलाफ है। भाजपा विधायकों ने 4% मुस्लिम कोटा बिल का विरोध किया। यह स्पीकर के खिलाफ विरोध नहीं था।सरकार को विधायकों की बात सुनने की जरूरत है, लेकिन स्पीकर ने 18 विधायकों को निलंबित कर दिया।”

कर्नाटक के पूर्व सीएम और भाजपा सांसद बसवराज बोम्मई ने पूरे प्रकरण को अलोकतांत्रिक बताया है। उनका कहना है कि “यह लोकतंत्र विरोधी है, कर्नाटक में कोई लोकतंत्र नहीं है, केवल अराजकता है। सरकार के मंत्रियों को हनी ट्रैप में फंसाया जा रहा है और आरोप सरकार पर ही हैं। सीएम दोनों तरफ से खेल रहे हैं। यह पिछले 6 महीनों से चल रहा है। जब हमने इस पर (राज्य विधानसभा में) सवाल उठाया, तो हमारे विधायकों को बाहर निकाल दिया गया।”

केंद्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी ने Karnataka Assembly Session के दौरान हुई कार्यवाही को लेकर कहा है कि “एक मंत्री ने कहा कि 48 विधायकों, मंत्रियों और कुछ अधिकारियों को हनी ट्रैप में फंसाया गया और उन्होंने यह भी कहा कि यह उनके अपने लोगों द्वारा ही किया गया। मैं राज्य सरकार से पूछना चाहता हूं कि हनी ट्रैपिंग किसने की? एक मंत्री दूसरों को हनी ट्रैप में क्यों फंसा रहा है? कर्नाटक में स्थिति खराब है। इस स्थिति के लिए कांग्रेस और राहुल गांधी जिम्मेदार हैं।”

वहीं कर्नाटक सरकार में मंत्री एमबी पाटिल ने BJP विधायकों के खिलाफ हुई कार्रवाई को उचित बताया है। उनका कहना है कि “सदस्यों का इस तरह से व्यवहार करना पूरी तरह से अनुचित है।उन्होंने विधानसभा में सभी संभव उल्लंघन किए। यह निलंबन 100% उचित है।”

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