Karnataka Politics: सियासी उठा-पटक के बीच कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन पर बड़ा अपडेट सामने आया है। सीएम सिद्धारमैया ने खुद इसको लेकर ऐसा बयान दिया है जिससे सूबे का सियासी पारा चढ़ता नजर आ रहा है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार का इंतजार अभी और लंबा हो सकता है? क्या सिद्धारमैया 2028 तक सीएम बने रह सकते हैं?
मुख्यमंत्री के एक बयान को केन्द्र में रखकर ये सारे सवाल उठाए जा रहे हैं। अब नजरें कांग्रेस आलाकमान पर टिकी हैं। सभी कर्नाटक पॉलिटिक्स में जारी उठा-पटक के बीच अंतिम फैसला जानना चाहते हैं। सोनिया गांधी हो या राहुल गांधी, प्रियंका गांधी समेत अन्य शीर्ष पदाधिकारी। इन सभी के मंतव्य कर्नाटक की हालिया स्थिति को लेकर क्या हैं ये देखना दिलचस्प होगा।
नेतृत्व परिवर्तन पर सीएम सिद्धारमैया की दो टूक से संग्राम!
सूबे में मचे सियासी संग्राम के बीच सीएम सिद्धारमैया ने नेतृत्व परिवर्तन पर दो टूक रखी है। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए साफ तौर पर कहा है कि पार्टी नेतृत्व से उनकी पहले ही बात हो गई है और उन्हें बताया गया है कि उचित समय पर निर्णय लिया जाएगा। सीएम सिद्धारमैया ने आगे कहा कि “मुझे इसके बारे में कुछ नहीं पता। राहुल गांधी और पार्टी आलाकमान को फैसला करना है। वे जो भी फैसला करेंगे, मैं उसका समर्थन करूंगा।”
मालूम हो कि बीते शुक्रवार को विधानसभा की शीतकालीन सत्र की कार्यवाही में सिद्धारमैया ने स्पष्ट किया था कि वह अपने पद पर बने रहेंगे। मुख्यमंत्री ने यहां तक दावा किया कि कांग्रेस आलाकमान उनके पक्ष में है और उनके कार्यकाल को ढाई साल तक सीमित करने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है। ये साफ तौर पर संकेत है कि सिद्धारमैया आसानी से मुख्यमंत्री की कुर्सी नहीं छोड़ने वाले हैं।
डीके शिवकुमार के इंतजार पर क्या लगेगा विराम?
इसकी संभावना फिलहाल नहीं मात्र की है। दरअसल, डीके शिवकुमार अक्टूबर माह से ही कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर सपर-ताल बना रहे हैं। आलम ये हुआ कि सियासी उठा-पटक के बीच डीके शिवकुमार पहले सिद्धारमैया के आवास पर पहुंचे और फिर अपने आवास पर मुख्यमंत्री को बुलाकर सुबह का नाश्ता किया।
हालांकि, इसके बावजूद नेतृत्व परिवर्तन को लेकर छिड़ी सियासी जंग खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। डीके शिवकुमार के लिए विधायकों की कैंपिंग के बावजूद सीएम सिद्धारमैया ने कहा है कि वो पद पर बने रहेंगे और आलाकमान के फैसले के अनुसार चलेंगे।ऐसे में आसार जताए जा रहे हैं कि मुख्यमंत्री बनने को इच्छुक डीके शिवकुमार का इंतजार अभी और लंबा चल सकता है।






