Mohan Bhagwat: लंबे समय से यह चर्चाओं का बाजार गर्म था कि आरएसएस और बीजेपी में मन मुटाव चल रहा है, वहीं बीते दिन पीएम मोदी आरएसएस शताब्दी समारोह में हिस्सा लेने पहुंचे थे, इस दौरान उन्होंने राष्ट्र स्वयंसेवक संघ की जमकर तारीफ करते हुए तारीफों के पुल बांध दिए। आज आरएसएस प्रमुख Mohan Bhagwat ने अपने भाषण के दौरान ट्रंप टैरिफ से लेकर पड़ोसी देश में हुई हिंसा पर अपनी मंशा जाहिर की है, इसके अलावा संघ प्रमुख ने यह भी बताया कि कैसे सरकार गिरती है, और किसी पीछे के क्या कारण होते है। चलिए आपको बताते है मोहन भागवत के इन सभी मुद्दों पर क्या कहा।
पड़ोसी देश में हो रही हिंसा पर ये क्या बोल गए Mohan Bhagwat
पड़ोसी देशों में हो रहे हिंसा को लेकर संघ संचालक मोहन भागवत ने कहा कि श्रीलंका, बांगलादेश और नेपाल में हमारे पड़ोसी देशों में ही हमने इसका अनुभव किया, प्रशासन संवेदनशील नहीं होता, जनता की अवस्थाओं को ध्यान में रखकर नीतियां नहीं बनती, तो असंतोष पैदा होता है। परंतु उस असंतोष को इस तरह से व्यक्त करना यह बिल्कुल ठीक नहीं है।
इस प्रकार के आंदोलन में हिंसा और विनाश होता है, लेकिन ऐसे हिंसक मार्गों से परिवर्तन नहीं आता है। पूरी दुनिया का इतिहास देख लीजिए, जब से यह उथल-पुथल वाली तथा-तथित क्रांतियां आई, किसी क्रांतिन ने अपने उद्देश्यों को प्राप्त नहीं किया है। इस अराजकता की स्थिति में देश के बाहर के स्वार्थी ताकतों को अपने खेल खेलने का ताकत मिलता है। इस मामले में मोहन भागवत ने चिंता जाहिर करते हुए लोगों को आगाह किया है।
मोहन भागवत का डोनाल्ड ट्रंप को दो टूक
ट्रंप टैरिफ की चर्चा करते हुए Mohan Bhagwat ने डोनाल्ड ट्रंप को करारा जवाब देते हुए कहा कि अभी हाल में अमेरिका ने जो नई टैरिफ नीति अप्लाई, उन्होंने अपने हित के लिए ही अपनाई होगी। लेकिन उसकी मार तो सभी पर पड़ रही है। इसलिए यह सारी प्रचलित पद्ति उसपर हम निर्भर हो जाए ऐसा नहीं है।
अकेला राष्ट्र अलगाव में जी नहीं सकती, परंतु यह निर्भरता मजबूरी ना बदल जाए, क्योंकि कब बदलेगी, कैसे बदलेगी, उसका कुछ पता नहीं है। इसलिए इस निर्भरता को मानते हुए, हमको आत्मनिर्भर होना पड़ेगा, और स्वदेशी का इस्तेमाल करना होगा। मालूम हो ट्रंप भारत पर लगातार रहा है, यही वजह है कि आज खुद मोहन भागवत ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
संघ प्रमुख ने पाकिस्तान को एक बार फिर लताड़ा
पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए 26 लोगों के बाद भारत सरकार और सेना ने जिस तरह से जवाब दिया, मोहन भागवत ने जमकर तारीफ की, उन्होंने कहा कि सरकार का नेतृत्व और सेना का शौर्य ने दिखा दिया कि कैसे भारत जवाब देता है। वह घटना हमे सीखा गई है कि हम सबके प्रति मित्रता के भाव रखते है, लेकिन अपने सुरक्षा के विषय में हमे अधिक से अधिक सजग रहना होगा। इस घटना के बाद हमे ध्यान में आया कि हमारे मित्र कौन है।