Mohan Bhagwat: देश में नए सिरे से राजनीति छोड़ने की उम्र पर चर्चा शुरू हो गई है। गृह मंत्री अमित शाह के रिटायरमेंट प्लान के ठीक बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत ने नया फॉर्मूला पेश कर दिया है। RSS चीफ ने बीते 9 जुलाई को रामजन्मभूमि आंदोलन के प्रेरक दिवंगत मोरोपंत पिंगले पर लिखी पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में अहम बात कह दी है। संघ प्रमुख ने कहा कि 75 की उम्र होने के बाद दूसरों को अवसर देना चाहिए। Mohan Bhagwat के इस कथन के बाद नए सिरे से बहस शुरू हो गई है।
मालूम हो कि PM Modi इसी वर्ष सितंबर में 75 वर्ष के हो जाएंगे। ऐसे में कई ऐसे टिप्पणीकार और विपक्षी नेता हैं जो संघ प्रमुख के बयान का विश्लेषण अपने-अपने हिस्से का पक्ष रखते हुए कर रहे हैं। ऐसे में बड़ा सवाल है कि आखिर RSS प्रमुख का इशारा किस ओर है? आइए इस सवाल का जवाब ढूंढ़ने की कोशिश करते हैं।
RSS चीफ Mohan Bhagwat के बयान से छिड़ा नया घमासान!
रामजन्मभूमि आंदोलन के प्रेरक दिवंगत मोरोपंत पिंगले पर लिखी पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में संघ प्रमुख ने एक ऐसी बात कह दी कि सियासी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। मोहन भागवत ने साफ तौर पर कहा है कि “राजनीति में 75 की उम्र होने के बाद दूसरों को भी अवसर देना चाहिए। जब आपको 75 साल पूरे होने पर शॉल ओढ़ाई जाती है तो इसका मतलब होता है कि हमारी उम्र हो चुकी है, अब थोड़ा किनारे हो जाना चाहिए।” Mohan Bhagwat की इस टिप्पणी को लेकर नया सियासी घमासान छिड़ गया है।
संजय राउत समेत अन्य विपक्षी नेता जहां इस बयान को पीएम मोदी के लिए इशारा बता रहे हैं। वहीं अन्य तमाम नेता इसे सामान्य सा बयान बता रहे हैं। बावजूद इसके प्रतिक्रियाओं का दौर जारी है। कोई संघ प्रमुख के बयान को सीएम योगी को आगे करने का संकेत मान रहा है, तो किसी के लिए ये अंदरखाने चल रही खींचातानी का संकेत हैं।
मालूम हो कि इससे पूर्व भी एक बार Mohan Bhagwat ने 75 वर्ष की उम्र में रिटायरमेंट की बात कही थी। हालांकि, तब उन्होंने पीएम मोदी को अपवाद बताया था। यही वजह है कि RSS चीफ के बयान को पीएम मोदी से जोड़कर नहीं देखा जा रहा है।
मोहन भागवत से पहले गृह मंत्री अमित शाह भी कर चुके हैं रिटायरमेंट प्लान का जिक्र
बीते दिनों की ही बात है जब गृह मंत्री अमित शाह ने अपने रिटायरमेंट प्लान का जिक्र किया है। अपने समर्थकों के बीच पीएम मोदी के उत्तराधिकारी के रूप में देखे जाने वाले अमित शाह ने रिटायरमेंट की बात कर कई तरह की संभावनाओं को जन्म दे दिया था। हालांकि, उन्होंने रिटायरमेंट की तारीख को लेकर कोई खुलासा नहीं किया जिससे ये लगभग तय है कि अमित शाह की सक्रियता अभी जारी रहेगी। इसी बीच Mohan Bhagwat का रिटायरमेंट की उम्र पर टिप्पणी करना कई संभावनाओं को जन्म दे रहा है। पीएम मोदी के 75 वर्ष की उम्र वाले बैरियर पर जारी प्रतिक्रिया के बीच अमित शाह का एक बयान भी याद आता है।
लोकसभा चुनाव के लिए जारी प्रचार के दौरान अमित शाह ने साफ तौर पर कहा था कि “मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि भाजपा के संविधान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है। मोदी जी 2029 तक देश का नेतृत्व करेंगे। मोदी जी आने वाले चुनावों में भी नेतृत्व करेंगे।” ऐसे में ये तय है कि संघ प्रमुख के बयान का पीएम मोदी से कोई लेना-देना नहीं है।