Pappu Yadav: चुनावी शोर गुल के बीच निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने सधी चाल चलते हुए सीट शेयरिंग को लेकर नया फॉर्मूला पेश किया है। पप्पू यादव की मानें तो कांग्रेस को 100 सीटों का लक्ष्य बनाकर कम से कम 90 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए। पूर्णिया सांसद ने ये फॉर्मूला ऐसे दौर में पेश किया है जब सीट शेयरिंग को लेकर RJD और Congress के बीच एकाद बैठकों का दौर हो चुका है।
हालांकि, 90 से 100 सीटों का डिमांड करना कहीं कांग्रेस को ले ना डूबे। Pappu Yadav के फॉर्मूला पेश करने के बाद ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि यही कांग्रेस 2020 विधानसभा चुनाव में 70 सीटों पर लड़कर महज 19 सीट जीत सकी थी। कहा जाता है कि कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के कारण ही 2020 में महागठबंधन सत्ता हासिल करने से चूक गई थी। ऐसी स्थिति में पप्पू यादव का 100 सीटों वाला शिगूफा राजद-कांग्रेस की महागठबंधन के लिए तकरार बढ़ने की वजह बन सकता है।
चुनाव से पहले सांसद Pappu Yadav ने सीट शेयरिंग को लेकर पेश किया नया फॉर्मूला!
बगैर किसी लाग लपेट के सांसद पप्पू यादव ने कांग्रेस के लिए 100 सीट रिजर्व रखने के संकेत दे दिए हैं। पूर्णिया सांसद ने साफ तौर पर कहा है कि “कांग्रेस को 100 सीटों को लक्ष्य बनाकर कम-से-कम 90 सीटों पर लड़ना चाहिए। बिहार में दलित, अति पिछड़ा, पिछड़ा, अल्पसंख्यक, महिला, युवा और सभी समाज के गरीब कांग्रेस के भरोसे पर ही महागठबंधन से जुड़ेंगे। अन्यथा उनका भरोसा नहीं जागेगा। बिहार में विपक्ष को सभी वर्ग का वोट चाहिए, तभी बदलाव होगा।” Pappu Yadav का ये सीट शेयरिंग फॉर्मूला ऐसे समय में आया है जब बिहार में कांग्रेस की स्थिति थोड़ी नाजुक है। यदि पप्पू यादव से इतर कांग्रेस इस मांग पर अड़ गई, तो महागठबंधन में टूट होना लगभग तय है। क्योंकि RJD कभी भी 40 फीसदी से ज्यादा सीट देने पर हामी नहीं भरेगी।
सांसद पप्पू यादव के फॉर्मूले से RJD-Congress में बढ़ सकती है तकरार!
दरअसल, जब हम वर्ष 2020 बिहार विधानसभा चुनाव के परिणाम टटोलेंगे तो पूर्णत: भिन्न समीकरण देखने को मिलेगा। उस चुनाव में भी RJD, कांग्रेस और तीन वामपंथी पार्टियाँ महागठबंधन का हिस्सा थीं। तब RJD के उम्मीदवार 144 सीटों पर उतारे गए थे, जबकि Congress के खाते में 70 सीटे गई थीं। शेष 29 सीट पर CPI, CPI (M) और CPI (ML) के उम्मीदवार लड़े थे। उस चुनाव में राजद 75 सीटों पर तो कांग्रेस 19 सीटों पर जीत दर्ज कर सकी थी। वहीं 16 सीट वाम दलों के खाते में गए थे।
कहा गया कि कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के कारण ही महागठबंधन सत्ता हासिल करने से चूक गई थी। ऐसी स्थिति में अब Pappu Yadav द्वारा कांग्रेस के लिए 100 सीटों की डिमांड करना कहां तक वाजिब है। दावा किया जा रहा है कि यदि पप्पू यादव समेत कुछ अन्य नेता ऐसे ही बढ़-चढ़कर सीट मांगते रहे, तो महागठबंधन में रार तय है और नैया डूबती नजर आ सकती है।