Pappu Yadav: कैबिनेट विस्तार क्या हुआ कि पटना से लेकर पूर्णिया तक सियासी सरगर्मी बढ़ गई। कैबिनेट विस्तार के बाद बयानों की फेहरिस्त में पूर्णिया सांसद पप्पू यादव का नाम भी जुड़ गया है। मसलन पप्पू यादव ने राजनीतिक परिपक्वता का परिचय देते हुए दलित कार्ड खेला है और BJP को घेरने की कोशिश की है। Pappu Yadav ने कहा है कि बिहार कैबिनेट विस्तार में बीजेपी ने एक भी दलित नेता को नहीं शामिल किया है। ये दलितों के प्रति उनकी घृणा को दर्शाता है। Bihar Cabinet Expansion के बाद तिलमिलाए पप्पू यादव ने संतोष सुमन मांझी का जिक्र कर बीजेपी पर करारा प्रहार किया है।
Bihar Cabinet Expansion में BJP की सधी चाल से तिलमिलाए Pappu Yadav!
बीजेपी ने जातीय समीकरण को साधते हुए भूमिहार, राजपूत, वैश्य, केवट और कुर्मी समाज से आने वाले जनप्रतिनिधियों को मंत्रिमंडल में स्थान दिया है। यही वजह है कि BJP की सधी रणनीति से तिलमिलाए सांसद पप्पू यादव सत्तारुढ़ दल पर निशाना साध रहे हैं। Pappu Yadav के एक्स हैंडल से पोस्ट जारी कर लिखा गया है कि “मंत्रिमंडल विस्तार में BJP ने 7 मंत्री बनाया। एक दलित को मंत्री नहीं बनाया गया। उस पर एक दलित समुदाय से आने वाले मंत्री संतोष मांझी के पास तीन विभाग था। उनका दो विभाग छीन लिया गया। जबकि कई ऐसे मंत्री हैं जिनके पास दो-दो विभाग है। मतलब साफ है BJP को दलितों से घृणा है। उस पर करें प्रहार।” Bihar Cabinet Expansion को लेकर पप्पू यादव द्वारा दी गई प्रतिक्रिया अब सुर्खियों का विषय बन रही है।
बिहार कैबिनेट विस्तार के बाद बदला नीतीश मंत्रिमंडल का जातीय समीकरण
फिलवक्त बिहार की कैबिनेट में 36 मंत्री हैं जिनके जिम्मे राज्य के विकास को रफ्तार देने का काम है। जातीय समीकरण की बात करें तो नीतीश कुमार की अगुवाई वाली NDA सरकार में फिलहाल 11 मंत्री सवर्ण वर्ग से आने वाले हैं। वहीं 8 ईबीसी, 7 दलित, 3 कुर्मी, 3 कुशवाहा, 2 वैश्य, 1 यादव और 1 मुस्लिम विधायक नीतीश कैबिनेट का हिस्सा हैं। ऐसे में जातीय समीकरण को साधकर आगे बढ़ रही BJP की सधी चाल Pappu Yadav समेत अन्य कई नेताओं को खटक रही है।